नई दिल्ली: ऊर्जा की लगातार बढ़ती मांग से निपटने के लिए और 2005 के स्तर की तुलना में 2030 तक कार्बन उत्सर्जन में 45 प्रतिशत की कमी के लक्ष्य को पूरा करने के लिए केंद्र ने बुधवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अक्षय ऊर्जा विकल्पों को आगे बढ़ाने के लिए कहा है.
बयान के अनुसार ऊर्जा और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों से ऊर्जा संक्रमण के लिए राज्य स्तरीय संचालन समितियों का गठन करने का आग्रह किया है. अधिकारियों ने कहा कि आंध्र प्रदेश, केरल, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड पहले ही ऐसी समितियों का गठन कर चुके हैं. मंत्री ने जोर देकर कहा कि 2005 के स्तर की तुलना में 2030 तक उत्सर्जन की तीव्रता को 45 प्रतिशत तक कम करने के लक्ष्य के सफल कार्यान्वयन के लिए राज्यों की भूमिका महत्वपूर्ण है.
यह उल्लेख करते हुए कि कार्बन उत्सर्जन को कम करने और देश की अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने का एकमात्र साधन ऊर्जा संक्रमण है. सिंह ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक साथ कई ट्रैक पर काम करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि देश की बिजली की लगातार बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए बिजली उत्पादन मिश्रण में अक्षय ऊर्जा को जोड़ना है.
दूसरा ट्रैक ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देना होगा जबकि तीसरा ट्रैक बायोमास और हरित हाइड्रोजन का अधिक से अधिक उपयोग होग. मंत्री ने कहा कि यदि हम सभी इन बिंदुओं पर सामूहिक रूप से काम करते हैं तो हम न केवल अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम होंगे बल्कि इससे नए रोजगार भी पैदा होंगे. विकास में तेजी आएगी और अंततः देश के प्रत्येक नागरिक को लाभ होगा.
बिजली मंत्री ने राज्यों से ईंधन की खपत को सीमित करके 2024 तक कृषि कार्यों में डीजल के शून्य उपयोग की दिशा में प्रयास करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि इस संबंध में राज्यों द्वारा पीएम-कुसुम योजना के तहत अलग-अलग कृषि फीडरों और कृषि फीडरों के लिए सौर ऊर्जा अपनाने के लिए संशोधित वितरण क्षेत्र योजना के माध्यम से वित्तीय सहायता प्राप्त की जा सकती है.
एक अधिकारी ने कहा कि ऊर्जा संक्रमण के लिए संचालन समितियां संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों की अध्यक्षता में काम करेंगी. उन्होंने कहा कि बिजली एवं नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग, परिवहन, उद्योग, आवास एवं शहरी मामले, कृषि, ग्रामीण विकास एवं लोक निर्माण विभाग के प्रधान सचिव इन समितियों के सदस्य के रूप में कार्य करेंगे.
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