नई दिल्ली : केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को यह जानकारी दी कि विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोक्सी के मामले में 18,000 करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी है. तुषार मेहता ने जस्टिस एएम खनविलकर की अगुआई वाली खंडपीठ के समक्ष बताया कि सुप्रीम कोर्ट में लंबित धनशोधन निवारण कानून (पीएमएलए) से जुड़े मामले कुल मिलाकर 67,000 करोड़ रुपये हैं. खंडपीठ के अन्य सदस्य जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सी टी रविकुमार हैं.
उन्होंने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मौजूदा समय में 4,700 मामलों की जांच कर रहा है. उन्होंने बताया कि गत पांच साल के दौरान ईडी के द्वारा जांच के नये मामले वर्ष 2105-16 के 111 मामले से 2020-21 के 981 मामले के दायरे में हैं.
सुप्रीम कोर्ट ईडी को पीएमएलए के तहत प्राप्त शक्तियों के वृहद दायरे को चुनौती देती याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है. ईडी को पीएमएलए के तहत जांच, जब्ती, सर्च और संपत्ति जब्त करने का अधिकार है. मेहता ने खंडपीठ को जानकारी दी कि वर्ष 2016 से वर्ष 2021 के दौरान ईडी ने जांच के लिये पीएमएलए के सिर्फ 2,086 मामले स्वीकार किये जबकि ऐसे मामलों के लिये 33 लाख प्राथमिकियां दर्ज थीं.