नई दिल्ली : केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijju) ने शनिवार को घोषणा की कि केंद्र सरकार ने न्यायिक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 9000 करोड़ रुपये की मंजूरी (9000 crore approved for development of judicial infrastructure) दी है.
उन्होंने कहा कि भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने इसके लिए अनुरोध किया था, जिसके बाद केंद्र सरकार ने यह कदम उठाया है. यह बातें केंद्रीय मंत्री ने 72वें संविधान दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहीं.
इस समारोह में सीजेआई एनवी रमना (CJI NV Ramana) भी शामिल थे. कानून मंत्री ने कहा कि सरकार अगली पीढ़ी के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए अधिकतम संसाधनों का निवेश करने के लिए भी प्रतिबद्ध है. रिजिजू ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), अदालत प्रबंधन, केसों के तेजी से निपटान, केस कानूनों की ऑनलाइन जानकारी आदि में इसके महत्व के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा कि इससे न्यायपालिका की दक्षता में सुधार किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि एआई न्यायाधीशों की जगह नहीं ले सकता लेकिन निष्पक्ष राय देकर हमेशा मदद कर सकता है.
प्रधान न्यायाधीश ने केंद्रीय कानून मंत्री की घोषणा की सराहना की कि सरकार ने न्यायिक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 9,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया है. न्यायमूर्ति रमना ने कहा, 'जैसा कि मैंने कल बताया था, धन की समस्या नहीं है. समस्या कुछ राज्यों के अनुदान की बराबरी करने के लिए आगे नहीं आने के कारण है. नतीजतन, केंद्रीय धन का काफी हद तक इस्तेमाल नहीं होता है.'