नई दिल्ली :केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूएमए) की अनुमति के बिना कर्नाटक में मेकेदातू बांध के निर्माण संबंधी डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) पर आगे मूल्यांकन करना नियमानुसार नहीं होगा.
जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने लोकसभा में कर्नाटक से जनता दल (सेकुलर) के सदस्य प्रज्ज्वल रेवन्ना के पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा, 'मेकेदातू बांध के निर्माण की पूर्व-व्यवहार्यता रिपोर्ट (पीएफआर) कर्नाटक राज्य ने जमा की थी और उसके क्रम में जब डीपीआर की अनुमति दी गयी थी तो वह सशर्त थी और उसमें लिखा गया था कि बांध अंतरराज्यीय बेसिन की नदी पर बनाया जाना है, इसलिए अंतरराज्यीय नदी जल विवाद कानून के अनुरूप सभी चारों पक्षकार राज्यों और उन निचले प्रदेशों की अनुमति आवश्यक है जिनकी ओर जल प्रवाह होता है.'
शेखावत ने कहा, 'इसलिए डीपीआर जमा करते समय सीडब्ल्यूएमए की अनुमति आवश्यक होना पहली शर्त थी. चूंकि सीडब्ल्यूएमए में चारों राज्य साझेदार हैं, इसलिए सीडब्ल्यूएमए की अनुमति के बिना उस डीपीआर पर आगे मूल्यांकन करना नियमानुसान नहीं होगा.'