Centre NSCN IM talks : केंद्र और एनएससीएन-आईएम के बीच आज बातचीत होने की संभावना - मुख्य वार्ताकार मुइवा
सरकारी सूत्रों ने कहा कि एके मिश्रा सहित गृह मंत्रालय और आईबी के वरिष्ठ अधिकारियों के नागा नेतृत्व के साथ वार्ता में शामिल होने की संभावना है. गौरतलब है कि 77वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान मुइवा ने कहा था कि भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर स्वीकार कर लिया है कि क्षेत्र के सभी नागा क्षेत्रों को एकीकृत करना नागाओं का वैध अधिकार है.
Etv Bharat
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Published : Aug 20, 2023, 6:55 AM IST
नई दिल्ली: मणिपुर में उखरूल जिले के नागा-बहुल इलाके में बदमाशों ने तीन ग्रामीणों की हत्या कर दी. हत्या के एक दिन बाद, प्रमुख नागा विद्रोही संगठन, नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (एनएससीएन-आईएम) ने शनिवार को दो अलग-अलग विद्रोही समूहों को चेतावनी दी. चेतावनी में संगठनों से कहा गया है कि नागा क्षेत्रों में इस प्रकार के रक्तपात से दूर रहें. संगठन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि 18 अगस्त को उखरुल जिले के थोवई कुकी गांव के पास स्थित सिपिजंग गांव में जो हुआ एनएससीएन-आईएम इसकी कड़ी निंदा करता है.
संगठन ने कहा कि वहां केवाईकेएल (कांगलेईयावोल कन्ना लूप) और एमएनआरएफ (मणिपुर नागा रिवोल्यूशनरी फ्रंट) की संयुक्त सेना ने कथित तौर पर तीन कुकी ग्रामीणों की हत्या कर दी. क्योंकि यह नागालिम के अधिकार क्षेत्र में हुआ है हम ऐसे आचरण को 'अनुचित घुसपैठ' करार देते हैं.
बयान में कहा गया है कि एमएनआरएफ मणिपुर में नागाओं के हित और कल्याण का प्रतिनिधित्व नहीं करता है. नागा किसी भी परिस्थिति में नहीं चाहते हैं कि मैतेई-कुकी-जो हिंसा नागा क्षेत्रों में फैले. संगठन ने चेतावनी दी है कि मेइतेई-कुकी-ज़ो जातीय संघर्ष के नाम पर नागा क्षेत्रों में कोई जातीय हिंसा नहीं होनी चाहिए.
एनएससीएन-आईएम के एक शीर्ष नेता ने नाम न छापने की शर्त पर ईटीवी भारत को बताया कि नागा इलाकों में इस तरह का खून-खराबा बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि मेइतेई को नागाओं के अधिकार क्षेत्र से कुकियों पर हमला नहीं करना चाहिए. मणिपुर राज्य सरकार की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर एनएससीएन-आईएम नेता ने मौजूदा जातीय संघर्ष के लिए मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को जिम्मेदार ठहराया.
उन्होंने कहा कि बीरेन सिंह भागने का रास्ता ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं और मैतेई-कुकी जातीय हिंसा के लिए बाहरी ताकतों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. इसी विचार को दोहराते हुए, नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) का प्रतिनिधित्व करने वाले बाहरी मणिपुर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सांसद लोरहो एस फोजे ने कहा कि हिंसा नागा बसे हुए इलाकों में नहीं फैलनी चाहिए.
फोज ने कहा कि केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए एकजुट कार्रवाई करनी चाहिए. इस बीच, गृह मंत्रालय (एमएचए) ने नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (एनएससीएन-आईएम) के महासचिव थुइंगलेंग मुइवा को महत्वपूर्ण दौर की वार्ता के लिए दिल्ली आमंत्रित किया है. भारत सरकार और एनएससीएन-आईएम के बीच रविवार को बातचीत होने की संभावना है. एनएससीएन-आईएम के एक नेता ने कहा कि हमारी टीम शुक्रवार को ही नई दिल्ली पहुंच चुकी है. मुख्य वार्ताकार मुइवा शनिवार को चार्टर्ड फ्लाइट से दिल्ली पहुंच रहे हैं.
सरकारी सूत्रों ने कहा कि एके मिश्रा सहित गृह मंत्रालय और आईबी के वरिष्ठ अधिकारियों के नागा नेतृत्व के साथ वार्ता में शामिल होने की संभावना है. गौरतलब है कि 77वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान मुइवा ने कहा था कि केंद्र सरकार ने आधिकारिक तौर पर स्वीकार कर लिया है कि क्षेत्र के सभी नागा क्षेत्रों को एकीकृत करना नागाओं का वैध अधिकार है.
मुइवा ने कहा कि सभी नागा क्षेत्रों के एकीकरण के मुद्दे पर, केंद्र सरकार ने आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया है कि यह नागाओं का वैध अधिकार है और इसलिए, इसे तदनुसार अंतिम रूप दिया जाएगा. पूर्वोत्तर के सभी नागा क्षेत्रों के एकीकरण में मणिपुर, असम और अरुणाचल प्रदेश के क्षेत्र शामिल होंगे. भारत सरकार और एनएससीएन-आईएम के बीच दो दशक से अधिक समय से बातचीत चल रही है.