नई दिल्ली: इस तथ्य को स्वीकार करते हुए कि मणिपुर में नशीले पदार्थों के कारोबार और आतंकवादी गतिविधियों के बीच घनिष्ठ संबंध है, केंद्र ने बुधवार को कहा कि राज्य में लगातार तीन वर्षों में हथियारों और गोला-बारूद के साथ-साथ दवाओं के साथ कम से कम पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है. गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय (Minister of State for Home Nityanand Rai) ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि मादक पदार्थों के कारोबार और आतंकवादी गतिविधियों के बीच सांठगांठ की जांच मामले दर मामले आधार पर की जाती है. हालांकि, मणिपुर में विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा ड्रग्स और हथियार और गोला-बारूद के साथ लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
राय ने कहा कि 2018-2 के बीच मणिपुर के थौबल, इंफाल पूर्व, इंफाल और चंदेल जिलों से ड्रग्स के साथ-साथ हथियार और गोला-बारूद के साथ पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने आगे कहा कि सुरक्षा एजेंसियों ने 2018 से इस साल मई तक मणिपुर में 18,854 एकड़ भूमि में अफीम पोस्त को नष्ट किया. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) मणिपुर पुलिस के साथ कैनबिस और अफीम पोस्त की अवैध खेती के संबंध में उपग्रह इमेजरी साझा करता है और विनाश में भी भाग लेता है. यह कहते हुए कि म्यांमार में सीमा पार से नशीली दवाओं की तस्करी होती रहती है. इस पर राय ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय प्रभाव वाले दवाओं पर विभिन्न मुद्दों को हल करने के लिए एनसीबी और म्यांमार की नशीली दवाओं के दुरुपयोग नियंत्रण पर केंद्रीय समिति (सीसीडीएसी) के बीच महानिदेशक स्तर की वार्ता और क्षेत्र स्तर की अधिकारी बैठकें आयोजित की गई हैं.
राय ने कहा कि गृह मंत्रालय के निर्देश पर एनसीबी ने मादक पदार्थों की आवाजाही की जांच के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा और मणिपुर राज्य के भीतरी इलाकों में वाहन स्कैनर स्थापित करने के लिए दो स्थानों की पहचान की है. उन्होंने कहा कि चूंकि मादक पदार्थों की अवैध तस्करी और इसका दुरुपयोग एक अंतरराष्ट्रीय समस्या है, इसलिए भारत सरकार ने मादक पदार्थों की अवैध तस्करी को रोकने के लिए 27 देशों के साथ द्विपक्षीय समझौते, 16 देशों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) और सुरक्षा सहयोग पर दो समझौते किए हैं. 2018 से इस साल मई तक, मणिपुर में 659.37 किलोग्राम एम्फ़ैटेमिन प्रकार की उत्तेजक (एटीएस) दवाएं, 324.5 किलोग्राम इफेड्रिन/स्यूडोएफ़ेड्रिन ई ड्रग्स, 2,502.07 किलोग्राम हेरोइन, 2101.38 किलोग्राम अफ़ीम, 5552 किलोग्राम पोस्ता भूसी और पोस्ता भूसा जब्त किया गया है. इसी अवधि के दौरान कुल 1897 मामले दर्ज किए गए हैं और 2622 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है.
उन्होंने कहा कि प्रत्येक राज्य और केंद्रशासित प्रदेश में एडीजी/आईजी स्तर के पुलिस अधिकारियों की अध्यक्षता में समर्पित एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) की स्थापना की गई है. मणिपुर में एडीजीपी (इंटेलिजेंस) की अध्यक्षता में एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) का गठन पिछले साल मार्च में सभी नशीले पदार्थों से संबंधित मुद्दों के लिए एकल नोडल बिंदु के रूप में किया गया था. उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में तस्करी को रोकने के लिए असम राइफल्स को नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम, 1985 के तहत नशीली दवाओं पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार दिया गया है.
राय ने कहा कि डार्कनेट पर दवाओं से संबंधित संदिग्ध लेनदेन की निगरानी के लिए डार्कनेट और क्रिप्टो करेंसी पर एक विशेष कार्य बल का गठन किया गया है. भारत सरकार ने विभिन्न स्थानों पर नए क्षेत्रीय और क्षेत्रीय कार्यालयों के निर्माण के साथ पूरे देश में एनसीबी के पदचिह्न का विस्तार किया है. इसी क्रम में, इम्फाल में मौजूदा सब-जोनल कार्यालय को जोनल स्तर पर अपग्रेड किया गया है. गौरतलब है कि मणिपुर में जारी हिंसा में सुरक्षा एजेंसियों को नार्को-आतंकवादी संगठनों का भी हाथ मिला है.