नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली की स्थापना के लिए बुधवार को 3,760 करोड़ रुपये के व्यवहार्यता अंतर कोष (वीजीएफ) को मंजूरी दी. सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर (Union minister Anurag Thakur) ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को इस फैसले की जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली की स्थापना से संबंधित 3,760 करोड़ रुपये की समूची राशि का बोझ केंद्र सरकार उठाएगी. उन्होंने कहा कि यह कोष वर्ष 2030-31 तक पांच किस्तों में जारी किया जाएगा. इससे 4,000 मेगावाट घंटे का ऊर्जा भंडार तैयार करने में मदद मिलेगी. ठाकुर ने कहा कि व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण से 9,500 करोड़ रुपये का निवेश होने की उम्मीद है.
भारत ने अगले कुछ वर्षों में अपनी आधी ऊर्जा जरूरतों को नवीकरणीय ऊर्जा और गैर-जीवाश्म ऊर्जा स्रोतों के माध्यम से पूरा करने का लक्ष्य रखा है. भंडारण प्रणाली की स्थापना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. उन्होंने कहा कि बिजली वितरण कंपनियां (डिस्कॉम) इस तरह की व्यवहार्यता गैब फंडिंग प्राप्त करने वाली पहली कंपनी होगी. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत का लक्ष्य सकल घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन तीव्रता को 45 प्रतिशत तक कम करना भी है. अंततः, भारत 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन के लिए प्रतिबद्ध है. भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों का एक बड़ा हिस्सा आयात के माध्यम से पूरा करता है और नए ऊर्जा स्रोतों को आयातित ईंधन पर निर्भरता कम करने के अवसर के रूप में देखा जाता है.
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(एजेंसी)