नई दिल्ली :रोगों की निगरानी, रोगों की रोकथाम, नियंत्रण और प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एनसीडीसी की क्षेत्रीय शाखाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी. ये शाखाएं अविलंब निगरानी, त्वरित पहचान और रोगों पर नजर रखने और इस प्रकार आरंभिक हस्तक्षेपों को समर्थ बनाते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को प्रोत्साहन देंगी. ये विचार केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने 6 राज्यों- (आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र, त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश) में एनसीडीसी की शाखाओं की आभासी रूप से आधारशिला रखते हुए प्रकट किए.
डॉ. मांडविया ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार देशभर में स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे को मजबूती प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. दृष्टिकोण 'टोकन' से 'टोटल' में परिवर्तित हो चुका है, जिसमें राज्य सबके लिए गुणवतापूर्ण, किफायती और सुगम स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए सहयोगपूर्ण और सहकारी संघवाद की भावना के साथ हमारे साझेदार हैं. उन्होंने कहा कि देशभर में स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ बनाना प्रधानमंत्री का विजन है. भारत सरकार ने प्रधानमंत्री-आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) के अंतर्गत राज्यों में विभिन्न बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए 64,000 करोड़ रुपए की राशि को मंजूरी दी है.
उन्होंने कहा कि वर्तमान में फैली कोविड-19 महामारी ने हमें संक्रामक रोगों के उभरने और उनके दोबारा सिर उठाने के महत्व को दर्शाया है जो न केवल स्थानीय स्तर पर प्रकोप का कारण बनते हैं, बल्कि महामारी का रूप भी धारण कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एनसीडीसी शाखाएं बीमारियों की समयबद्ध निगरानी और उप पर नजर रखने में राज्यों की सहायता करेंगी. उन्होंने कहा कि इससे आरंभ में चौकस किया जा सकेगा, जिससे फील्ड से एकत्र किए गए प्रमाण के आधार पर समय पर हस्तक्षेप किया जा सकेगा. राज्यों की शाखाएं अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी की मदद से आंकड़ों और सूचना को वास्तविक समय के आधार पर साझा करते हुए नई दिल्ली स्थित एनसीडीसी मुख्यालय के साथ तालमेल कायम करेंगी. एनसीडीसी की शाखाएं अद्यतन दिशा-निर्देशों की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित कराने की दिशा में भी महत्वपूर्ण सिद्ध होंगी ताकि सटीक वैज्ञानिक आधार वाली सूचना का सुगमता से प्रसार किया जा सके.