चेन्नई : तमिलनाडु के दक्षिणी जिलों में अभूतपूर्व बाढ़ और बारिश के कारण हुये नुकसान का आकलन करने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम बुधवार को प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर सकती है. सरकार ने कहा कि मुख्यमंत्री एम के स्टालिन आज बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने वाले थे लेकिन अब वह कल दौरा करेंगे. बता दें, तिरुनेलवेली, तूत्तुक्कुडि, कन्याकुमारी और तेनकासी जिलों में 17 और 18 दिसंबर को हुई रिकॉर्ड बारिश ने क्षेत्र के कई हिस्सों में कहर बरपाया, जिससे 10 लोगों की जान चली गई.
कयालपट्टिनम (तूत्तुक्कुडि जिले की एक नगरपालिका) में दो दिनों में सबसे अधिक 1,192 मिलीमीटर, जबकि तिरुच्चेंदूर में 916 मिलीमीटर बारिश हुई, मुख्यमंत्री स्टालिन ने मंगलवार को नयी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और प्रभावित जिलों के वास्ते दो हजार करोड़ रुपये की अंतरिम राहत की मांग की है. प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात से पहले स्टालिन ने संवाददाताओं से कहा कि वह आज तूत्तुक्कुडि और तिरुनेलवेली जिलों का दौरा करेंगे.
हालांकि, मंगलवार रात जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि बुधवार को केंद्रीय टीम के दौरे के कारण प्रभावित जिलों में स्थानीय प्रशासन के मौजूद रहने की उम्मीद है.विज्ञप्ति में कहा गया कि बृहस्पतिवार को उनके तूत्तुक्कुडि जाने की उम्मीद है. थल सेना, नौसेना, वायु सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और राज्य आपदा मोचन बल सहित केंद्र और राज्य सरकार की एजेंसियां वर्तमान में राहत और पुनर्वास कार्यों में लगी हुई हैं. बचाव अभियान में 323 नौकाओं के साथ नौ हेलिकॉप्टर की मदद भी ली जा रही है.
इस बीच, दक्षिण रेलवे ने बारिश प्रभावित जिलों में जलभराव के कारण आज 19 ट्रेन रद्द करने की घोषण की, जबकि तिरुनेलवेली यार्ड को ट्रेन आवाजाही के लिए उपयुक्त घोषित किए जाने के बाद यहां से रेल यातायात सामान्य हो गया है. सबसे अधिक प्रभावित जिले तिरुनेलवेली और तूत्तुक्कुडि में स्थानीय प्रशासन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सभी उपाय कर रहे हैं, जबकि आवासों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में बिजली आपूर्ति एक या दो दिन में पूरी तरह से बहाल होने की उम्मीद है.
बाढ़ प्रभावित इलाकों में चलाया गया बचाव अभियान
कन्याकुमारी समुद्र और आस-पास के क्षेत्रों में वायुमंडलीय परिसंचरण के कारण, तमिलनाडु के दक्षिणी जिलों में 16 दिसंबर से पिछले दो दिनों से भारी बारिश हो रही है. विशेषकर तिरुनेलवेली, थूथुकुडी, तेनकासी और कन्याकुमारी जिलों में अत्यधिक भारी बारिश हुई. लोगों का सामान्य जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. राष्ट्रीय और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल ने भारी बारिश के कारण बाढ़ वाले क्षेत्रों में जनता की मदद के लिए कल, 19 दिसंबर को गहन बचाव अभियान चलाया.
भारतीय नौसेना तूतीकोरिन जिले में प्रभावित लोगों की मदद के लिए बचाव अभियान में जुटी हुई है. भारी बारिश के कारण दक्षिणी जिलों में बाढ़ आने के बाद तमिलनाडु सरकार ने भारतीय नौसेना से मदद मांगी. इस प्रकार, रामनाथपुरम में आईएनएस पारुंडु स्टेशन से एएलएच हेलीकॉप्टर द्वारा श्रीवैकुंटम रेलवे स्टेशन पर फंसे यात्रियों के लिए 150 किलोग्राम बाढ़ राहत सामग्री लाई गई.
इसके अलावा, तूतीकोरिन हवाई अड्डे पर राहत सामग्री पहुंचाने के लिए भारतीय नौसेना के दो टॉर्नियर विमान मदुरै हवाई अड्डे पर तैनात किए गए हैं. सबसे पहले सुबह तूतीकोरिन एयरपोर्ट पर 410 किलो वजनी राहत सामग्री उतारी गई. दूसरे भाग में लगभग 3.5 टन वजनी राहत सामग्री को बुधवार को (20 दिसंबर) तूतीकोरिन ले जाया जाना है.
सीएम एमके स्टालिन ने पीएम मोदी को सौंपा ज्ञापन
मिचौंग तूफान के कारण आई बाढ़ और दक्षिणी जिलों में भारी बारिश से हुए नुकसान को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के बाद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मंगलवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. पुनर्वास और राहत कार्यों के लिए तमिलनाडु को तत्काल धन आवंटित करने का अनुरोध करते हुए एमके स्टालिन ने पीएम मोदी को तमिलनाडु में बाढ़ प्रभावों के बारे में ज्ञापन दिया.
तमिलनाडु के मंत्री अनिता राधाकृष्णन को बाढ़ प्रभावित एराल क्षेत्र थूटुकुडी में 3 दिन बाद निकाला जा सका
तमिलनाडु क पशुपालन और मत्स्य पालन मंत्री अनिता राधाकृष्णन और उनके चालक और एक बंदूकधारी सहित दल, भारी बारिश और उसके बाद बाढ़ के कारण एराल क्षेत्र के बाढ़ के पानी में तीन दिनों तक फंसे रहे.यह घटना तब सामने आई जब मंत्री ने सोमवार को अट्टूर के रास्ते अपने गृहनगर तंदुपट्टू क्षेत्र तक पहुंचने का प्रयास किया. बाढ़ के कारण थूथुकुडी-तिरुचेंदूर सड़क के अगम्य हो जाने के कारण, मंत्री राधाकृष्णन और उनकी टीम ने खुद को फंसा हुआ पाया और संचार से कट गए.मंत्री ने अपने रिश्तेदारों को एक एसएमएस भेजकर गंभीर स्थिति से अवगत कराया.
इस पर एक रिश्तेदार से जानकारी मिलने के बाद बचाव अभियान हरकत में आया. वहीं पुलिस उपायुक्त, तिरुनेलवेली सारागा और अग्निशमन विभाग और बचाव दल ने मोर्चे पर काम संभाला. इस बारे में ईटीवी भारत से बात करते हुए मंत्री राधाकृष्णन ने कहा कि 18 तारीख को उमरीगेट, श्रीवैकुंडम निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी कार्यकारिणी के साथ बातचीत की थी. बारिश की बाढ़ की सूचना के बाद, वह तिरुचेंदूर की ओर बढ़ी, लेकिन दांडू बट्टू क्षेत्र में उसे एक टूटे हुए पुल का सामना करना पड़ा. पास के एक गांव से होकर वैकल्पिक मार्ग का प्रयास करते हुए वो फंस गईं. गांव के बस स्टॉप पर रात बिताते हुए, स्थानीय निवासियों ने भोजन उपलब्ध कराकर अपना समर्थन जताया.