नई दिल्ली : कोरोना महामारी से संघर्ष कर रहे देश के समक्ष गंभीर संकट पैदा होता दिख रहा है. ऐसे मजदूरों के सामने जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, उनके सामने दो जून की रोटी का संकट है. इस संबंध में राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) व कोलियरी मजदूर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष केएन त्रिपाठी ने केंद्र सरकार से मांग कि है की बिना राशन कार्ड वाले प्रवासी मजदूरों को कोरोना संकट व लॉकडाउन में मुफ्त राशन दिया जाए.
उन्होंने कहा कि देशभर में बिना राशन कार्ड वाले प्रवासी मजदूरों की संख्या करीब आठ करोड़ है. यह अब अपने अपने राज्यों में लौट रहे हैं. कोरोना व लॉकडाउन के कारण इनका कामकाज ठप हो गया है. यह लोग सरकारी राशन दुकान पर जा रहे हैं, तो इन लोगों को राशन नहीं दिया जा रहा है. संकट के इस दौर में प्रवासी मजदूरों को भुखमरी से मरने के लिये नहीं छोड़ा जा सकता.
उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि वह इस पर तुरंत ध्यान दे. इन लोगों के सामने अन्न का संकट पैदा होता जा रहा है. पांच किलो अनाज मुफ्त में इन लोगों को हर महीने दिया जाए.