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उत्तराखंड के कुमाऊं में शिव धाम के लिए केंद्र ने मंजूर किए ₹75 करोड़, ऐसा होगा पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट - कुमाऊं में विकसित होगा शिव धाम

75 crore approved for Shiv Dham of Uttarakhand उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है. पीएम नरेंद्र मोदी का राजनीति में आने से पहले का काफी समय इसी देवभूमि में बीता है तो इस कारण उनका उत्तराखंड से विशेष लगाव है. केदारखंड को विकसित करने के बाद अब पीएम मोदी उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल यानी मानसखंड को धार्मिक पर्यटन के लिए विकसित करना चाहते हैं. कुमाऊं में शिव धाम के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए 75 करोड़ रुपए विकास के लिए दिए गए हैं.

Shiv Dham of Uttarakhand
मानस खंड में शिव धाम

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 22, 2023, 8:32 AM IST

उत्तराखंड: केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मानसखंड में शिव धाम को लेकर नई परिकल्पना को सामने रखा है. जिसको लेकर केंद्र सरकार ने 75 करोड़ के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इन पैसों से उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में शिव धाम को विकसित किया जाएगा.

शिव धाम के लिए केंद्र सरकार ने 75 करोड़ रुपए मंजूर किए

कुमाऊं में विकसित होगा शिव धाम: साल 2013 में आई केदारनाथ आपदा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी केदार घाटी को संवारने का बीड़ा उठाया था. इसके साथ ही केदारनाथ पुनर्निर्माण और बदरीनाथ में मास्टर प्लान के तहत निर्माण को लेकर अभूतपूर्व कार्य किए गए. इन कार्यों का परिणाम आज धरातल पर दिख रहा है. केदार खंड में पड़ने वाले केदारनाथ बदरीनाथ धाम में तमाम तरह के निर्माण कार्यों को अंजाम दिया गया है.

मानसखंड में बनेगा शिव धाम

शिव धाम के विकास के लिए 75 करोड़ मंजूर: अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड के मानसखंड क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन बढ़ाने के साथ-साथ सीमांत इलाकों में सुरक्षा को लेकर संवेदनशील हैं. उत्तराखंड के मानसखंड यानी कुमाऊं क्षेत्र में पड़ने वाले आदि कैलाश और इसके आसपास के इलाके को केंद्र सरकार ने 75 करोड़ की लागत से विकसित कर शिवधाम बनाने की परिकल्पना सामने रखी है.

आदि कैलाश, गुंजी और ओम पर्वत, शिव धाम कहलाएंगे

आदि कैलाश क्षेत्र होगा शिव धाम: केंद्र द्वारा मंजूर किए गए प्रस्ताव के अनुसार आदि कैलाश क्षेत्र को शिव धाम के रूप में विकसित किया जाएगा. इसका प्रवेश द्वार गुंजी गांव को रखा गया है. इस तरह से इस पूरे क्षेत्र को आध्यात्मिक यात्रा के दृष्टिकोण से विकसित करने के लिए केंद्र ने एक निजी कंपनी को इसका मास्टर प्लान बनाने की जिम्मेदारी दी है. प्रस्तावित मास्टर प्लान के अनुसार शिव धाम के प्रवेश द्वार यानी गुंजी गांव में एक भव्य स्मारक भी बनाया जाएगा. इसके अलावा इस क्षेत्र में यात्रियों की सुविधाओं के लिए होटल, रेस्टोरेंट, पार्किंग, सड़क और आध्यात्मिक माहौल को विकसित करने के लिए योग और ध्यान केंद्र बनाने का भी प्रस्ताव है. इसको लेकर डेलॉयड कंपनी को डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) बनाने को कहा गया है.

शिव धाम बनने से कुमाऊं में धार्मिक पर्यटन बढ़ेगा

आदि कैलाश को देख मोहित हो गए थे पीएम मोदी: आपको बता दें कि इसी साल अक्टूबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदि कैलाश और गुंजी क्षेत्र में यात्रा की थी. वहीं इस बार आदि कैलाश दर्शन के लिए यात्रियों ने ऐतिहासिक 10,000 का आंकड़ा पार किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के बाद यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. जिसे देखते हुए इस पूरे क्षेत्र को विकसित करने और साथ ही सामरिक दृष्टि से भी इसके महत्व को समझते हुए केंद्र सरकार संवेदनशील है. अब केंद्र सरकार ने इन सभी विकास कार्यों के लिए तकरीबन 75 करोड़ की मंजूरी दे दी है.

पीएम मोदी अक्टूबर में आदि कैलाश आए थे

मानस सर्किट पर तेजी से चल रहा काम: कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार लगातार मानस सर्किट को लेकर काम कर रही हैं. उन्होंने बताया कि कुमाऊं मंडल के पिथौरागढ़ जिले में मौजूद गुंजी, आदि कैलाश, ओम पर्वत इत्यादि पूरे क्षेत्र को शिव धाम के रूप में विकसित करने के लिए केंद्र सरकार को राज्य सरकार द्वारा प्रस्ताव भेजा गया था. उस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है. वहीं इस योजना के तहत गुंजी, आदि कैलाश, ओम पर्वत सहित इस पूरे इलाके को धार्मिक पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा. साथ ही कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने बताया कि यह क्षेत्र सामरिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह चीन सीमा के बेहद नजदीक है. वाइब्रेंट विलेज के तहत भी यह योजना बेहद महत्वपूर्ण है.
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