कोलकाता : पश्चिम बंगाल में भवानीपुर उपचुनाव से ठीक पहले एक नया विवाद खड़ा हो गया है. ईडी और सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों ने कई तृणमूल कांग्रेस नेताओं को तलब किया है. केंद्रीय एजेंसिंयों की इस कार्रवाई से खलबली मची हुई है. जहां तृणमूल कांग्रेस ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया, तो वहीं प्रतिद्वंद्वी भाजपा नेताओं ने सत्तारूढ़ दल से इसके खिलाफ अदालत जाने को कहा.
बता दें कि पिछले कुछ दिनों में, तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) या प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा विभिन्न मामलों में तलब किया गया है. कोयला तस्करी मामले में ईडी ने छह सितंबर को अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी से नौ घंटे तक पूछताछ की थी. उन्हें इस महीने की 21 तारीख को फिर से तलब किया गया है. उनकी पत्नी रुजीरा बनर्जी को भी तलब किया गया था, लेकिन उन्होंने ईडी के सामने पेश होने के लिए दिल्ली जाने से इनकार कर दिया और घर पर पूछताछ का अनुरोध किया है.
कानून मंत्री मोलॉय घटक ने जताई असमर्थता
राज्य के कानून मंत्री मोलॉय घटक को दिल्ली आने और उसी कोयला तस्करी मामले में ईडी के सामने पेश होने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने जाने से इनकार कर दिया और जांच एजेंसी को अपना रिकॉर्ड दर्ज करने के लिए कोलकाता आने के लिए कहा. मोलॉय घटक ने कहा कि वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए उनके बयान को रिकॉर्ड कर सकते हैं.
एक अन्य कैबिनेट मंत्री पार्थ चटर्जी को भी सीबीआई ने आई-कोर चिटफंड मामले में तलब किया था. चटर्जी, जो राज्य के वाणिज्य और उद्योग मंत्री भी हैं, ने कहा कि वह सीबीआई के सामने पेश नहीं हो पाएंगे और इसके बजाय केंद्रीय एजेंसी से राज्य में आकर अपना बयान दर्ज करने को कहा. जांच एजेंसी के अधिकारी सोमवार को आए और उनसे दो घंटे तक पूछताछ की.