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केंद्र को न्यायालय में मराठा आरक्षण का समर्थन करना चाहिए : अशोक चव्हाण - Center should support Maratha reservation

मराठा आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र के मंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि केंद्र सरकार को उच्चतम न्यायालय में इसका समर्थन करना चाहिए. इस मामले में अगली सुनवाई 25 जनवरी को होनी है.

Reservation for Maratha community
Ashok Chavan

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Published : Jan 2, 2021, 10:51 PM IST

जालना :महाराष्ट्र सरकार में मंत्री अशोक चव्हाण ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार को उच्चतम न्यायालय में मराठा समुदाय को आरक्षण देने का समर्थन करना चाहिए.

कांग्रेस नेता ने संवाददाताओं से यहां कहा कि शीर्ष न्यायालय ने मामले में अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल को सहायता करने के लिए कहा है और अगली सुनवाई 25 जनवरी को होनी है.

उन्होंने कहा, 'इसलिए केंद्र को अदालत से कहना चाहिए कि वह आरक्षण के पक्ष में है.'

उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने सितंबर 2020 में सामाजिक एवं शैक्षणिक पिछड़ा वर्ग (एसईबीसी) अधिनियम को लागू करने पर रोक लगा दी थी, जिसमें मराठा समुदाय को राज्य के शिक्षण संस्थानों और सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने का प्रावधान है.

मराठा आरक्षण पर राज्य कैबिनेट की उप समिति की अध्यक्षता कर रहे चव्हाण ने मांग की कि भाजपा नीत केंद्र सरकार को मराठा आरक्षण को संविधान की नौ अनुसूची में शामिल करना चाहिए, ताकि इसकी न्यायिक समीक्षा नहीं हो सके.

भाजपा नेता विनायक मीते द्वारा उच्चतम न्यायालय से कथित झटके के बाद कैबिनेट की उप समिति के अध्यक्ष पद से उन्हें हटाने की मांग किए जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री चव्हाण ने कहा, 'मुझे सरकार ने नामित किया है न कि मीते ने. मैं आरक्षण को सुरक्षित करने के लिए पूरी लगन से अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहा हूं.'

उन्होंने कहा कि विपक्ष को इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए, क्योंकि मामला न्यायालय में विचाराधीन है.

सत्ता में सहयोगी शिवसेना द्वारा औरंगाबाद जिले का नाम 'सम्भाजीनगर' करने की मांग पर चव्हाण ने कहा कि शिवसेना-कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सरकार का न्यूनतम साझा कार्यक्रम है, जिसमें औरंगाबाद का नाम बदलने का मुद्दा शामिल नहीं है.

पढ़ें-मराठा समुदाय ने कमजोर वर्ग को दिया संरक्षण, तो शुरू हुई सियासत

चव्हाण ने कहा, 'महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहेब थोराट ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि उनकी पार्टी ऐसे प्रस्ताव का विरोध करेगी.'

उन्होंने दावा किया कि गठबंधन सरकार के सहयोगियों में कोई मतभेद नहीं है और सरकार को कोई खतरा नहीं है.

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