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यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने का वैकल्पिक इंतजाम करे केंद्र : वेणुगोपाल - Russia Ukraine War Crisis

रूस द्वारा यूक्रेन के खिलाफ (Russia ukraine conflict) आक्रामक अभियान शुरू करने के बीच कांग्रेस (Congress) ने हमला करते हुए सरकार (Goverment Of India) से पूछा कि बार-बार चेतावनी मिलने के बाद भी सरकार ने यूक्रेन में 20,000 भारतीयों को सुरक्षित घर वापस लाने के लिए समय पर व्यवस्था क्यों नहीं की.

Russia ukraine conflict
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल

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Published : Feb 24, 2022, 9:53 PM IST

नई दिल्ली : रूस द्वारा यूक्रेन के खिलाफ (Russia ukraine conflict) आक्रामक अभियान शुरू करने के बीच कांग्रेस (Congress) ने हमला करते हुए सरकार (Goverment Of India) से पूछा कि बार-बार चेतावनी मिलने के बाद भी सरकार ने यूक्रेन में 20,000 भारतीयों को सुरक्षित घर वापस लाने के लिए समय पर व्यवस्था क्यों नहीं की. इस दौरान विपक्ष ने कठिन समय पर अपने नागरिकों को वापस लाने में नाकाम रहने का आरोप भी लगाया. कांग्रेस के कुछ नेताओं (Congress Leaders) ने मांग करते हुए कहा कि भारत को इस पर कड़ा रुख अपनाना चाहिए और रूस की इस सैन्य कार्रवाई की खुलेआम निंदा करनी चाहिए.

कांग्रेस पार्टी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister Dr. S Jaishankar) को एक पत्र लिखा है, जिसमें सरकार से इस संकट के बीच यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकालने के लिए कहा गया है. कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल (Congress General Secretary KC Venugopal) ने अपने पत्र में लिखा कि जैसा कि आप जानते हैं, यूक्रेन में संकट एक पूर्ण युद्ध में बदल गया है. इसके प्रभाव के परिणामस्वरूप यूक्रेन के हवाई क्षेत्र को पहले ही बंद कर दिया गया है. इसने भारतीय नागरिकों के बीच बड़ी आशंका पैदा कर दी है, जिसमें यूक्रेन में फंसे छात्र भी शामिल है.

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल का पत्र

उन्होंने आगे कहा कि अकेले केरल से ताल्लुक रखने वाले लगभग दो हजार छात्र युद्ध क्षेत्र में फंसे हुए हैं. इनमें से कई छात्र सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वीडियो पोस्ट कर मदद की मांग कर रहे हैं. उन्होंने यूक्रेन में भारतीय नागरिकों और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार के हस्तक्षेप का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि मैं आपसे हमारे नागरिकों के लिए वैकल्पिक निकासी मार्ग बनाने का भी आग्रह करूंगा क्योंकि यूक्रेन ने अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड के सांसद राहुल गांधी ने यूक्रेन में फंसे एक भारतीय छात्र का एक वीडियो साझा किया और ट्वीट किया कि यूक्रेन में फंसे 20,000 भारतीयों की सुरक्षा सर्वोपरि है. सरकार को उनकी निकासी में तेजी लानी चाहिए.

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि हर मुश्किल परिस्थिति में मुंह मोड़ लेना... और चुप रहना मोदी सरकार की आदत हो गई है. यूक्रेन में हमारे 20,000 भारतीय युवा भय, आशंका और जानलेवा स्थितियों से जूझने को मजबूर हैं. सुरजेवाला ने ट्वीट किया कि भारतीयों को सुरक्षित लाने के लिए समय पर व्यवस्था क्यों नहीं की गई? क्या यह आत्मनिर्भर' मिशन है। सुरजेवाला ने सरकार पर चुनाव को ज्यादा प्राथमिकता देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी आप सबका ख्याल रखने की बजाय चुनावी रैलियों में व्यस्त हैं... लेकिन हम भारतीय आप सभी की सलामती की दुआ कर रहे हैं. भारत सरकार के निर्देश को ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा कि "हवाई सायरन या बम चेतावनी सुन रहे हों, तो गूगल मैप के सहारे वहां बम शेल्टर्स और अंडरग्राउंड मेट्रो ढूंढें.." ख़तरे में फंसे 20000 भारतीयों के लिए आत्मनिर्भर सलाह ? हालात बद से बद्तर होते जा रहे हैं. हजारों जिंदगी खतरे में हैं, मगर मोदी सरकार गायब है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने ट्वीट किया कि भारत को स्पष्ट रूप से यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की स्पष्ट शब्दों में निंदा करनी चाहिए. तिवारी ने कहा कि हमें रूस के साथ फिर से वही गलती नहीं करनी चाहिए, जो हमने तत्कालीन सोवियत संघ के साथ किया था, जब हमने हंगरी के सोवियत आक्रमण -1956, चेकोस्लोवाकिया -1968, अफगानिस्तान-1979 की निंदा नहीं की थी. कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने कहा कि भारत को रूस-यूक्रेन संघर्ष से सही सबक सीखना चाहिए और रिश्तों में विविधता लानी चाहिए न कि केवल कागज पर सहयोगी सहयोगियों पर निर्भर रहना चाहिए.

इस दौरान पूर्व विदेश राज्य मंत्री और कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि उन्हें यूक्रेन में फंसे छात्रों के परिवारों से संदेश मिल रहे हैं और उन्हें निकालने की जरूरत है. उन्होंने ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनावी रणनीति नहीं बल्कि कूटनीतिक रणनीति बनाने की सलाह दी. थरूर ने घटनाक्रम के बीच रूस की यात्रा को लेकर पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान की भी आलोचना की और उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का उदाहरण दिया. 1979 में जब बीजिंग ने वियतनाम पर हमला किया था तब तत्कालीन विदेश मंत्री के रूप में वाजपेयी ने चीन की यात्रा को रद्द कर दिया था. थरूर ने कहा कि अगर इमरान खान का कोई स्वाभिमान है, तो वह वही करेंगे जो वाजपेयी साहब ने किया था.

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