नई दिल्ली : एयर इंडिया की बोली लगाने वालों की कुछ मूलभूत शंकाएं हैं. जानकारी के अनुसार मसौदा शेयर खरीद समझौते, विमान ऋण के खिलाफ सरकारी गारंटी और कर्मचारियों की देनदारी कुछ ऐसे मुद्दे हैं. जिन्हें शॉर्टलिस्ट किए गए बोलीदाताओं द्वारा उठाया गया है. सरकार को भी यकीन है कि उनके मुद्दों को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा.
हाल ही में सरकार द्वारा संभावित बोलीदाताओं के साथ साझा किए गए प्रस्ताव के लिए एक अनुरोध (आरएफपी) ने सिफारिश की है कि एयर इंडिया के मौजूदा कर्मचारियों को निजीकरण के बाद एक वर्ष तक बनाए रखा जाना चाहिए. विशेष रूप से टाटा समूह और स्पाइसजेट के सीईओ अजय सिंह ही एयर इंडिया के लिए अंतिम दो बोलीदाता हैं. पिछले साल दिसंबर में दोनों बोलीदाताओं ने सरकार को एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) जमा किया था और सितंबर तक वित्तीय बोलियां जमा करने की उम्मीद हैं.