नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स)-दिल्ली से पीएचडी की डिग्री के लिए शोध कर रहे या अनुसंधान परियोजनाओं पर काम कर रहे वैज्ञानिकों के लिए छह साल की समय सीमा तय करने को कहा है. एम्स प्रशासन ने अभी यह आदेश लागू नहीं किया है. एम्स में पीएचडी की डिग्री के लिए शोध कर रहे और अनुसंधान परियोजनाओं पर काम कर रहे वैज्ञानिक इस फैसले का पिछले कुछ दिनों से विरोध कर रहे हैं. प्रमुख चिकित्सा संस्थान के संकाय सदस्यों ने भी इस कदम पर विरोध जताया है.
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 12 जुलाई को जारी निर्देश में कहा गया है कि शोध एवं अनुसंधान परियोजनाओं में कार्यरत वैज्ञानिकों को संस्थान में कुल छह साल की अवधि से अधिक समय तक काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. वैज्ञानिकों के विरोध के बाद, एम्स प्रशासन ने 10 जुलाई को अपने पहले के उस आदेश को निलंबित कर दिया था, जिसमें उसने शोधकर्ताओं की भर्ती और चयन प्रक्रिया को यह कहते हुए रोक दिया था कि संबंधित दिशा-निर्देशों की समीक्षा की जा रही है.