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केंद्र ने सशस्त्र बलों के लिए 84328 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी दी

डीएसी की इस अभूतपूर्व पहल से न केवल सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण होगा, बल्कि 'आत्मनिर्भर भारत' के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए रक्षा उद्योग को भी पर्याप्त बढ़ावा मिलेगा. मंत्रालय के अनुसार, भारतीय तट रक्षक के लिए अगली पीढ़ी के अपतटीय गश्ती जहाजों की खरीद तटीय क्षेत्रों में निगरानी क्षमता को नई ऊंचाइयों तक बढ़ाएगी.

Center approves proposals worth Rs 84 328 crore for armed forces
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

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Published : Dec 23, 2022, 8:59 AM IST

नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने गुरुवार को 24 पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों के लिए आवश्यकता की स्वीकृति (एओएन) को मंजूरी दे दी. इन प्रस्तावों में भारतीय थल सेना के लिए छह, वायुसेना के लिए छह, नौसेना के लिए 10 और तटरक्षक बल के लिए दो शामिल हैं. कुल 84,328 करोड़ रुपये मूल्य के प्रस्ताव हैं. रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि नई रेंज की मिसाइल प्रणाली, लंबी दूरी पर जाकर विस्फोट करने वाले बम, पारंपरिक बमों के लिए रेंज बढ़ाने वाली किट और उन्नत निगरानी प्रणाली को शामिल करके भारतीय वायुसेना को अधिक घातक क्षमताओं के साथ और मजबूत किया जाएगा.

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मंत्रालय ने कहा कि भारतीय सेना को और लड़ाकू वाहनों, हल्के टैंकों और घुड़सवार बंदूक प्रणाली जैसे प्लेटफार्मो व उपकरणों से लैस करने की तैयारी चल रही है. रक्षा मंत्रालय के अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि सूची में हमारे सैनिकों के लिए बेहतर सुरक्षा स्तर वाले बैलिस्टिक हेलमेट की खरीद भी शामिल है. नौसेना की एंटी-शिप मिसाइलों, बहुउद्देश्यीय जहाजों और उच्च सहनशक्ति वाले स्वायत्त वाहनों की खरीद के लिए रक्षा मंत्रालय की मंजूरी मिलने से नौसेना की क्षमता और समुद्री ताकत और बढ़ जाएगी.

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रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि स्वदेशी स्रोतों से खरीद के लिए 82,127 करोड़ रुपये (97.4 प्रतिशत) के 21 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है. डीएसी की इस अभूतपूर्व पहल से न केवल सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण होगा, बल्कि 'आत्मनिर्भर भारत' के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए रक्षा उद्योग को भी पर्याप्त बढ़ावा मिलेगा. मंत्रालय के अनुसार, भारतीय तट रक्षक के लिए अगली पीढ़ी के अपतटीय गश्ती जहाजों की खरीद तटीय क्षेत्रों में निगरानी क्षमता को नई ऊंचाइयों तक बढ़ाएगी.

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एक अन्य पहल में भारत और जापान जापान में अपना पहला द्विपक्षीय युद्धाभ्यास आयोजित करेंगे. 'वीर गार्जियन 23' नाम का यह अभ्यास 16 से 26 जनवरी, 2023 तक आयोजित किया जाएगा. सूत्रों के अनुसार, संयुक्त अभ्यास का उद्देश्य आपसी समझ बढ़ाना और दोनों देशों की वायुसेना के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करना है. वायुसेना अपने रूसी मूल के सुखोई -30एमकेआई विमान को पश्चिमी वायु कमान के स्क्वाड्रन में शामिल करेगा.

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(आईएएनएस)

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