तिरुवनंतपुरम : केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के यहां स्थित क्षेत्रीय कार्यालय ने नई दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हुए छात्रों के विरोध प्रदर्शन की पृष्ठभूमि पर आधारित मलयालम फिल्म 'वर्तमानम्' को हरी झंडी देने से इनकार कर दिया है.
इस फिल्म का निर्देशन प्रतिष्ठित फिल्मकार सिद्धार्थ शिवा ने किया है और अभिनेत्री पार्वती तिरुवोत ने इसमें मुख्य भूमिका निभाई है. इस फिल्म की कहानी केरल की एक महिला के इर्द-गिर्द घूमती है, जो शोध कार्य के लिए अपने गृह राज्य से जेएनयू परिसर जाती है.
फिल्म निर्माता एवं पटकथा लेखक आर्यदान शौकत ने कहा कि सीबीएफसी के अधिकारियों ने प्रमाण पत्र नहीं देने का कोई कारण नहीं बताया है. उन्होंने कहा कि फिल्म को इसी सप्ताह प्रणाम पत्र के लिए मुंबई स्थित सेंसर बोर्ड की पुनरीक्षण समिति के पास भेजा जाएगा. शौकत कांग्रेस नेता भी हैं.
शौकत ने कहा, यहां सीबीएफसी अधिकारियों ने हमें अभी यह जानकारी दी कि फिल्म को पुनरीक्षण समिति के पास भेजा जाना है. उन्होंने कहा, हमें अभी तक यह नहीं पता कि फिल्म को प्रमाण पत्र क्यों नहीं दिया गया.
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पुरस्कार विजेता पटकथा लेखक ने कहा कि उन्होंने पटकथा लिखने के पहले कई महीने अध्ययन एवं शोध किया और जेएनयू परिसर की संस्कृति एवं जीवनशैली से रूबरू होने के लिए कई दिन दिल्ली में बिताए. उन्होंने कहा, यदि हमें 31 दिसंबर से पहले सेंसर बोर्ड की मंजूरी नहीं मिलती है, तो हम फिल्म को इस बार किसी पुरस्कार के लिए नहीं भेज सकते हैं.
शौकत ने संदेह जताया कि राजनीतिक कारणों से फिल्म दिखाने को मंजूरी नहीं दी गई. उन्होंने सेंसर बोर्ड के उस सदस्य के हालिया ट्वीट का भी जिक्र किया, जो भाजपा के एससी मोर्चा के राज्य उपाध्यक्ष हैं. उन्होंने कहा, सेंसर बोर्ड के सदस्य एवं वकील वी संदीप कुमार ने हाल में ट्वीट किया था कि मंजूरी इसलिए नहीं दी गई, क्योंकि आर्यदान शौकत इसके पटकथा लेखक एवं निर्माता हैं.