श्रीनगर गढ़वाल : उत्तराखंड के सपूत को एक बार फिर से देश की सुरक्षा की कमान सौंपी गई है. लेफ्टिनेंट जनरल (रि) अनिल चौहान को देश का सीडीएस नियुक्त (Lt Gen Anil Chauhan new CDS ) किया गया है. अनिल चौहान के सीडीएस नियुक्त होते ही उत्तराखंड के लोगों का सीना एक बार फिर से गर्व से चौड़ा हो गया है. वहीं, लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान के गांव गवांणा में भी लोग ढोल-दमाऊं की थाप पर नाच (Celebration in the village of CDS Anil Chauhan) रहे हैं. हर कोई देवभूमि के इस लाल की उपलब्धि से फूला नहीं समा रहा है.
बता दें कि, लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान पौड़ी जिले की रामपुर ग्राम पंचायत के गवांणा गांव (Gawana village of CDS Anil Chauhan) के मूल निवासी हैं. जैसे ही लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को देश का दूसरा रक्षा प्रमुख (सीडीएस) बनाया गया, वैसे ही उनके गांव में जश्न शुरू हो गया. सीडीएस अनिल चौहान के परिजनों ने लड्डू बांट कर खुशी का इजहार किया.
सीडीएस अनिल चौहान के गांव गंवाणा में जश्न.
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गवांणा गांव में सुरेंद्र सिंह चौहान के घर 18 मई 1961 में जन्मे अनिल चौहान की प्रारंभिक पढ़ाई कोलकाता सहित देश के अन्य राज्यों में हुई. अनिल और उनके परिवार की जड़ें हमेशा ही उनके गांव से जुड़ीं रही. गांव में रहने वाले उनके चचरे भाई दर्शन सिंह चौहान बताते हैं कि उनके चाचा सुरेंद्र सिंह चौहान और उनके भाई सीडीएस अनिल चौहान गांव में होने वाले बार त्योहारों में जरूर गांव आते हैं. जब उन्हें पता चला उनके भाई अनिल देश के दूसरे सीडीएस बनाये गये हैं तो उन्होंने चाचा सुरेंद्र को फोन कर बधाई दी. उन्होंने बताया चाचा ने उन्हें अपने घर देहरादून भी बुलाया है. उनके भाई और बहन उनके घर जाएंगे.
अपने भाई, बिटिया, पिता जी, भतीजे और भाभी के साथ अनिल चौहान.
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रिश्ते में सीडीएस अनिल चौहान की बहू बीना देवी ने बताया कि वे कुछ माह पूर्व ही उनके घर गयी थी. जहां वे एक माह रहकर आईं. वहां सभी लोगों ने उन्हें बहुत प्यार से रखा. उन्होंने बताया उनका परिवार आज भी संयुक्त परिवार है. जिसमें सभी भाई एक दूसरे के साथ मिलजुल कर रहते हैं. अनिल और उनके परिवार के लोग भी हर सुख-दुख में गांव वालों के साथ खड़े भी नजर आते हैं.
परिवार के साथ CDS Anil Chauhan. इसी परिवार की सबसे छोटी बेटी खुशी अपने चाचा के सीडीएस बनने पर बहुत खुश है. उन्होंने कहा कि ये पूरे उत्तराखंड के लिए गौरव की बात है. खुशी अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहती हैं कि एक छोटे से गांव गवांणा का युवक देश की सेना का सबसे बड़ा अधिकारी बना है, इससे हर किसी को प्रेरणा लेनी चाहिए. उन्होंने भी कहा वे भी पढ़ाई पूरी होने के बाद देश की सेना में भर्ती होना चाहती हैं.
नवनियुक्त CDS अनिल चौहान के पैतृक गांव गवांणा में जश्न.
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गांव के ही रहने वाले राम सिंह चौहान भी बहुत खुश हैं. उन्होंने बताया आज गांव में देर शाम को भजन कीर्तन किए जाएंगे. उन्होंने कहा कल तक गवांणा गांव को कोई नहीं जानता था, आज देश का हर बच्चा सीडीएस अनिल चौहान के गांव को जानने लगा है. जिससे उन्हें गर्व की अनुभूति हो रही है.
भजन कीर्तन करती गांव की महिलाएं 30 सितंबर को संभालेंगे पद: बता दें देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत भी पौड़ी गढ़वाल से ही ताल्लुक रखते थे. वे भी 11 गोरखा राइफल से थे. लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान भी 11 गोरखा राइफल से ही हैं. लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) भारत सरकार के सैन्य मामलों के विभाग के सचिव के रूप में भी कार्य करेंगे. जनरल अनिल चौहान 30 सितंबर को दूसरे चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के रूप में पदभार संभालेंगे. सरकारी अधिकारियों ने कि भारतीय रक्षा बलों के दूसरे सीडीएस गुरुवार को सैन्य अधिकारियों से मिलेंगे.
CDS अनिल चौहान के पैतृक गांव गवांणा
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यह पहला मौका है जब किसी सेवानिवृत्त अधिकारी को इस पद पर नियुक्त किया गया है. नियुक्ति के लिए नियमों में बदलाव की घोषणा के लिए गजट अधिसूचना जारी की गई थी. चार दशकों के लंबे करियर में लेफ्टिनेंट जनरल चौहान ने कई कमांड, स्टाफ और सहायक नियुक्तियों पर रहे हैं. उन्हें जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर भारत में आतंकवाद विरोधी अभियानों का व्यापक अनुभव है. एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि वह भारत सरकार, सैन्य मामलों के विभाग के सचिव के रूप में भी कार्यभार ग्रहण करने की तारीख से और अगले आदेश तक कार्य करेंगे.