उधमपुर : भारतीय सेना की उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी (Lieutenant General Y K Joshi) ने मंगलवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच 25 फरवरी को संघर्ष विराम को लेकर बनी सहमति का दोनों पक्षों द्वारा अक्षरश: पालन किया जा रहा है.
लेफ्टिनेंट जनरल जोशी ने कहा कि भारत और पाकिस्तान द्वारा 25 फरवरी के बाद से नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम समझौते (India pak ceasefire) का कोई उल्लंघन नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सेना वर्तमान में नियंत्रण रेखा के पास शांति एवं धैर्य बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध दिखती है.
साथ ही उन्होंने कहा, हम अपने देश के लोगों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि हम जरा भी कोताही नहीं बरत रहे हैं.
उन्होंने कहा, वर्तमान स्थिति एक जिम्मेदार देश के तौर पर भारत के व्यवहार की झलक है, जहां हमने कोविड-19 महामारी के दौरान परिपक्वता, धैर्य और मानवतावादी रुख दिखाया है.
भारत और पाकिस्तान ने सैन्य अभियान महानिदेशकों के बीच वार्ता के बाद इस साल 25 फरवरी को एक संयुक्त बयान में संघर्षविराम की घोषणा की थी. दोनों देशों ने पूर्व में 2003 में संघर्षविराम समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन इसका बार-बार उल्लंघन हुआ.
शांति के माहौल में जी रहे एलएसी के रहने वाले लोग
कारगिल युद्ध के नायक लेफ्टिनेंट जनरल जोशी ने कहा कि मौजूदा संघर्षविराम सहमति का सीधा फायदा नियंत्रण रेखा के पास रह रहे लोगों को हुआ है. सैन्य कमांडर ने कहा कि नियंत्रण रेखा के पास रहने वाले लोग पिछले तीन महीने से शांति एवं स्थिरता के माहौल में जी रहे हैं और वे बिना किसी भय के अपनी आजीविका के लिए बाहर जा पा रहे हैं.
दुस्साहस का जवाब देने के लिए सैनिक तैयार
उन्होंने कहा कि संघर्षविराम समझौते का हालांकि आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षाबलों के जारी अभियान पर कोई असर नहीं पड़ेगा. सैन्य कमांडर ने कहा कि विरोधी पक्ष की ओर से किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए सैनिक पूरी तरह तैयार हैं और आतंकवादियों को त्वरित एवं दंडात्मक कदम का सामना करना पड़ेगा.
उन्होंने कहा कि संघर्षविराम सहमति से नियंत्रण रेखा पर तैनात सैनिकों को रक्षा तैयारी मजबूत करने और रक्षात्मक कदम उठाने का अवसर मिला है.
सैन्य कमांडर ने कहा कि 2020 में संघर्षविराम का लगभग 5,000 बार उल्लंघन हुआ और 2021 में जनवरी महीने में संघर्षविराम का 413 बार तथा फरवरी में 24 तारीख तक 315 बार उल्लंघन हुआ.