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उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने सेंसोडाइन, नापतोल के विज्ञापन पर रोक लगाई - जीएसके कंज्यूमर हेल्थ

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने भारत में सेंसोडाइन के उत्पाद का विज्ञापन के अलावा नापतोल के ऑनलाइन विज्ञापन को बंद करने का निर्देश दिया है. पढ़िए पूरी खबर...

Central Consumer Protection Authority
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण

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Published : Feb 10, 2022, 9:06 AM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन (जीएसके) कंज्यूमर हेल्थकेयर लि. को भारत में सेंसोडाइन उत्पाद का विज्ञापन बंद करने का निर्देश दिया है. सीसीपीए ने यह बुधवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि नियमों के उल्लंघन को लेकर विज्ञापन पर पाबंदी लगायी गयी है. प्राधिकरण ने नापतोल ऑनलाइन शॉपिंग लिमिटेड के खिलाफ भी अपने उत्पादों के प्रचार-प्रसार में भ्रामक विज्ञापनों और अनुचित व्यापार गतिविधियों के इस्तेमाल के खिलाफ आदेश पारित किया है.

सीसीपीए ने मामले में स्वत: संज्ञान लिया और 27 जनवरी को ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन कंज्यूमर हेल्थकेयर और दो फरवरी को नापतोल के खिलाफ आदेश पारित किया. सीसीपीए ने ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन को देशभर में सेंसोडाइन के विज्ञापनों पर इस आदेश के एक सप्ताह के भीतर रोक लगाने को कहा है. आदेश में कहा गया है कि इन विज्ञापनों में दिखाया गया है कि देश से बाहर के दंत चिकित्सक इस टूथपेस्ट को अपनाने की सलाह दे रहे हैं. आदेश में कहा गया है कि कंपनी भारत में लागू कानून से अलग हटकर विदेशी दंत चिकित्सकों को इस बारे में सलाह देते हुए नहीं दिखा सकती.

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इसके अलावा सीसीपीए ने नापतोल ऑनलाइन शॉपिंग को 'सेट ऑफ 2 गोल्ड ज्वेलरी', 'मैग्नेटिक नी सपोर्ट' और 'एक्यूप्रेशर योग स्लिपर्स' के विज्ञापनों पर रोक लगाने का निर्देश दिया है. इसके अलावा नापतोल पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.

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