नई दिल्ली :घटिया प्रेशर कुकर की बिक्री का मामला एक बार फिर से गरमाया है. सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) ने घटिया क्वालिटी के प्रेशर कुकर बेचने को लेकर एक्शन (CCPA passes order against Cloudtail) लिया और क्लाउडटेल पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. कंपनी को 45 दिनों के भीतर इसपर कंप्लायंस रिपोर्ट सबमिट करने का निर्देश है. सीसीपीए ने क्लाउडटेल के खिलाफ अनिवार्य BIS स्टैंडर्ड का उल्लंघन करने वाले घटिया क्वालिटी के प्रेशर कुकर बेचने के आरोप में यह आदेश पास किया है.
BIS मानकों के उल्लंघन करने के आरोप में क्लाउडटेल को आदेश जारी - substandard pressure cooker sale case
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने अनिवार्य बीआईएस मानकों के उल्लंघन में घरेलू प्रेशर कुकर बेचने के लिए क्लाउडटेल के खिलाफ आदेश जारी किया है. क्लाउडटेल को उपभोक्ताओं को बेचे गए 1033 ऐसे प्रेशर कुकरों की कीमतों को वापस लेने और प्रतिपूर्ति करने और 45 दिनों में अनुपालन रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया गया है. क्लाउडटेल को QCO और उपभोक्ताओं के अधिकारों का उल्लंघन करने वाले प्रेशर कुकर की बिक्री के लिए एक लाख रुपये का जुर्माना देने का भी निर्देश दिया गया है. यह जानकारी उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने दी.
एजेंसी ने कंपनी को यह कहा है कि वो ग्राहकों को बेचे जा चुके अपने 1,033 कुकरों को वापस ले और उनके ग्राहकों को इसका पैसा वापस करे. इसके अलावा, क्लाउडटेल पर क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर्स (QCO) और उपभोक्ताओं के अधिकारों का उल्लंघन करने के लिए एक लाख रुपये का जुर्माना थोपा गया है. गौरतलब है कि सितंबर महीने में दिल्ली हाईकोर्ट ने घटिया क्वालिटी और बिना ISI मार्क के प्रेशर कुकर बेचने पर फ्लिपकार्ट को फटकार लगाई थी और सीसीपीए के आदेशानुसार कार्रवाई का आदेश दिया था.
एजेंसी ने वेबसाइट से सबस्टैंडर्ड क्वालिटी के घरेलू प्रेशर कुकर की बिक्री को अनुमति देने और ग्राहकों के अधिकारों का उल्लंघन करने के आरोप में एक लाख का जुर्माना लगाया था. इसके साथ ही 598 प्रेशर कुकरों के ग्राहकों को इसकी जानकारी देकर कुकर मंगाने और उनका पैसा वापस करने का आदेश था. एमेजॉन पर भी एजेंसी ने एक लाख का जुर्माना लगाया था और प्रॉडक्ट रिकॉल करने को कहा गया था. इस साल फरवरी में केंद्र सरकार में उपभोक्ता मामलों के मंत्री ने लोकसभा में बताया था कि नॉन-स्टैंडर्ड प्रेशर कुकर को लेकर केंद्र सरकार सख्त है.