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12वीं बोर्ड स्टूडेंट्स को अकाउंटेंसी में मिलेंगे 6 ग्रेस मार्क्स, जानें वायरल वीडियो पर CBSE ने क्या कहा?

सीबीएसई की 10वीं और 12वीं क्लास की पहले टर्म के परीक्षा का सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है. इसमें कहा जा रहा है कि 12वीं क्लास अकाउंट के पेपर में गलती होने की वजह से छात्रों को लगभग छह नंबर ग्रेस में मिलेंगे. सीबीएसई ने इस वायरल मैसेज को गलत बताया है.

CBSE first term exam
CBSE first term exam

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Published : Dec 14, 2021, 4:42 PM IST

Updated : Dec 14, 2021, 4:48 PM IST

नई दिल्लीःकेंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) 10वीं और 12वीं क्लास की पहले टर्म परीक्षा (cbse first term exam) चल रही है. सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल (cbse exam viral video) हो रहा है. जिसमें कहा जा रहा है कि 12वीं क्लास अकाउंट के पेपर में गलती होने की वजह से छात्रों को लगभग छह नंबर ग्रेस में मिलेंगे. इस संबंध में सीबीएसई द्वारा एक सर्कुलर जारी किया गया. इसमें कहा गया कि वायरल हो रहा मैसेज पूरी तरह से गलत है.

सीबीएसई 12वीं क्लास अकाउंट्स विषय (cbse account subject exam) की परीक्षा 13 दिसंबर को आयोजित की गई थी. वहीं, सीबीएसई के संज्ञान में यह बात आई है कि एक ऑडियो मैसेज, जिसे परीक्षा नियंत्रक डॉ. संयम भारद्वाज का बताया जा रहा है. ऑडियो मैसेज में कहा जा रहा है कि 12वीं क्लास अकाउंट्स टर्म 1 परीक्षा में गलती होने की वजह से छात्रों को लगभग 6 ग्रेस अंक मिलेंगे. वायरल हो रहे इस मैसेज को बोर्ड ने गलत बताया है. साथ ही कहा कि परीक्षा नियंत्रक डॉ. संयम भारद्वाज की इस संबंध में किसी भी रिपोर्टर से बात नहीं हुई है और न ही सीबीएसई की ओर से इस तरह का कोई निर्णय लिया गया है. इस दौरान सीबीएसई ने सभी को सलाह दी है कि वह वायरल हो रही किसी भी मैसेज पर भरोसा नहीं करें. किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए सीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट को देखें.

सांकेतिक तस्वीर


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इससे पहले भी केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Central Board of Secondary Education-CBSE) की 10वीं कक्षा के अंग्रेजी के प्रश्नपत्र को लेकर विवाद खड़ा हो गया था. दरअसल, प्रश्नपत्र के कुछ अंशों में 'लैंगिक रूढ़िवादिता' (gender stereotypes) को कथित तौर पर बढ़ावा दिए जाने और 'प्रतिगामी धारणाओं' (regressive perceptions) का समर्थन करने संबंधी आरोप लगे हैं. इसके चलते बोर्ड ने इस मामले को विषय के विशेषज्ञों के पास भेज दिया था.

10वीं की परीक्षा में प्रश्नपत्र (question paper in 10th exam) में 'महिलाओं की मुक्ति ने बच्चों पर माता-पिता के अधिकार को समाप्त कर दिया' और 'अपने पति के तौर-तरीके को स्वीकार करके ही एक मां अपने से छोटों से सम्मान पा सकती है' जैसे वाक्यों के उपयोग को लेकर आपत्ति जतायी गई थी.

प्रश्नपत्र के ऐसे अंश सोशल मीडिया पर वायरल (question paper viral in social media) हो गए थे. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Congress General Sec Priyanka Gandhi Vadra) ने भी प्रश्नपत्र पर आपत्ति जताते हुए ट्वीट किया था. इसमें उन्होंने कहा था कि अविश्वसनीय. क्या हम वास्तव में बच्चों को ऐसा निरर्थक ज्ञान दे रहे हैं? स्पष्ट रूप से भाजपा सरकार महिलाओं संबंधी इन प्रतिगामी विचारों का समर्थन करती है, अन्यथा ये सीबीएसई पाठ्यक्रम में क्यों शामिल होंगे?

Last Updated : Dec 14, 2021, 4:48 PM IST

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