चेन्नई :कोयंबटूर की पद्मश्री नानम्मल (Nanammal) को 'योग पाटी' (अर्थात् योग नानी) के रूप में जाना जाता है. उन्हें केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 11वीं की शारीरिक शिक्षा पाठ्यक्रम में जगह दी है. यानी वयोवृद्ध योग शिक्षक के बारे में जानकारी सीबीएससी के पाठ्यक्रम में शामिल करके मान्यता दी है.
नानम्मल का जन्म 1920 को कोयंबटूर के पास एक छोटे से गांव में हुआ था. नानम्मल ने 10 साल की उम्र से ही योग का अभ्यास करना शुरू कर दिया था. 99 साल की उम्र में अंतिम सांस तक वे योग की कला में सक्रिय रहीं. अपने 45 साल के करियर में नानम्मल ने 10 लाख से अधिक छात्रों को योग शिक्षा दी.
वह भारत की सबसे उम्रदराज योग शिक्षिका थीं. उनके 600 से अधिक छात्र दुनिया भर में योग प्रशिक्षक के रूप में उभरे. नानम्मल को 2016 में नारी शक्ति पुरस्कार और 2018 में चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'पद्म श्री' से सम्मानित किया गया था. 2019 में 99 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया.