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नारदा रिश्वत केस : सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपील वापस ली - Narada Case in SC CBI Plea Withdrawal

सीबीआई ने कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में दायर अपील वापस ली. हाई कोर्ट ने नारदा रिश्वत मामले में टीएमसी नेताओं फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा और पूर्व भाजपा नेता सोवन चटर्जी को घर में नजरबंद रखने की अनुमति दी थी.

सुप्रीम कोर्ट में दायर अपील वापस
सुप्रीम कोर्ट में दायर अपील वापस

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Published : May 25, 2021, 4:38 PM IST

Updated : May 25, 2021, 5:09 PM IST

नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल के नारदा रिश्वत मामले में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी अपील को वापस ले लिया है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को अपनी अपील वापस लेने की अनुमति दी थी. बात दें कि नारदा रिश्वत मामले की जांच कर रही सीबीआई ने आरोपी चार नेताओं को घर में नजरबंद करने के कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत में अपील की थी.

जस्टिस विनीत सरन और जस्टिस बीआर गवई की अवकाश पीठ ने इस तथ्य पर ध्यान दिया कि कलकत्ता हाई कोर्ट की पांच-न्यायाधीशों की पीठ पहले से ही नारदा रिश्वत मामले की सुनवाई कर रही है और सीबीआई की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुहार मेहता को अपनी अपील वापस लेने की अनुमति दी. सीबीआई अब सभी शिकायतें हाई कोर्ट के समक्ष ही उठाएगी.

पीठ ने कहा कि हमने मामले के गुण-दोष पर कोई राय व्यक्त नहीं की है और हमारी टिप्पणियां मामले के गुण-दोष पर हमारे विचारों को नहीं दर्शाती हैं. साथ ही बेंच ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार और मामले में आरोपी बनाए गए नेता भी हाई कोर्ट में अपनी बात रखने के लिए स्वतंत्र हैं.

कलकत्ता हाई कोर्ट ने 21 मई को पश्चिम बंगाल के दो मंत्रियों, एक विधायक और कोलकाता के एक पूर्व मेयर को जेल में कैद करने के बजाय घर में नजरबंद करने का आदेश दिया था. हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी.

क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि नारदा न्यूज पोर्टल के संपादक और प्रबंध निदेशक सैमुअल ने 2016 में पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले एक स्टिंग वीडियो प्रसारित किया था. वीडियो में टीएमसी के सांसदों और मंत्रियों समेत टीएमसी के कई नेताओं को रुपये लेते देखा गया था.

तृणमूल के 13 नेताओं पर प्राथमिकी
स्टिंग ऑपरेशन के कथित वीडियो फुटेज को 2016 में विधानसभा चुनाव से पहले प्रसारित कर दिया गया. सीबीआई ने अप्रैल 2017 में कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद एक प्राथमिकी दर्ज की थी. प्राथमिकी में टीएमसी के लगभग 13 नेताओं के नाम थे, और उनमें से कई से पूछताछ की गई. कथित फूटेज को भी फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया था. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी इस मामले की जांच कर रहा है.

Last Updated : May 25, 2021, 5:09 PM IST

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