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नरेंद्र गिरि सुसाइड केस : बाघंबरी मठ पहुंची सीबीआई, चार सेवादारों के मोबाइल जब्त, अश्लील सीडी का खुलेगा राज?

सीबीआई (CBI) की टीम महंत नरेंद्र गिरि मौत (Mahant Narendra Giri) मामले की जांच करने दूसरे दिन रविवार को प्रयागराज स्थित बाघंबरी मठ पहुंची. सीबीआई (CBI) की टीम महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) के कमरे का फिंगर प्रिंट लेकर जांच कर रही है.

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Published : Sep 26, 2021, 4:12 PM IST

प्रयागराज : महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) मौत मामले में सीबीआई दूसरे दिन जांच करने बाघंबरी मठ पहुंची. सीबीआई के 20 सदस्यीय टीम ने पूरे यूनिफॉर्म और साइंटिफिक टीम के साथ जांच शुरू की है. सीबीआई की टीम महंत नरेंद्र गिरि के कमरे का फिंगर प्रिंट लेकर जांच कर रही है. इसके साथ ही सेवादारों के बयानों का रिकॉर्ड कर रही है. जानकारी के अनुसार चार सेवादारों के मोबाइल जब्त कर लिए गए हैं.

सीबीआई जांच के साथ ही मठ के चारों तरफ फोटो और वीडियोग्राफी करा रही है. महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) ने जिस कमरे में सुसाइड किया था, उस कमरे की वीडियोग्राफी कराकर टीम जांच कर रही है. महंत नरेंद्र गिरि प्रकरण के सभी पहलुओं पर 20 सदस्यीय टीम जांच कर रही है. सीबीआई के साथ एसआइटी की टीम भी है.

बाघंबरी मठ पहुंची सीबीआई

वहीं अश्लील सीडी का सच जानने के लिए सीबीआई नैनी जेल में बंद आनंद गिरी, आद्या तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी पर शिकंजा कसेगी. सीबीआई की एक टीम अदालत की अनुमति के बाद इन लोगों से पूछताछ करेगी. सीबीआई के सूत्रों की मानें तो टीम तीनों आरोपियों समेत महंत के 8 अन्य करीबियों की संपत्तियों का भी ब्योरा एकत्र कर रही है.

महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद सबसे पहले तीन सेवादारों ने कमरे के दरवाजे को तोड़ा था. उन तीनों सेवादारों से सीबीआई बारी-बारी से पूछताछ कर रही है. महंत नरेंद्र गिरि के मुंशी सर्वेश दुबे, सुमित और उनके शिष्य बलवीर गिरि से भी सीबीआई की टीम पूछताछ कर रही है.

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दावा यहां तक किया जा रहा कि आनंद गिरि के कहने पर महंत को सीडी के कुछ अंश भी दिखाए थे और एक-दो दिन में उसे वायरल करने की धमकी भी दी गई थी. उसके बाद से महंत नरेंद्र गिरि आहत थे. उन्होंने अपने वकील को भी फोन करके बुलाया, मगर व्यस्तता के चलते वकील नहीं आ सके. माना जा रहा कि इस वाक्ये के बाद ही महंत ने आत्महत्या करना तय कर लिया था. अब सीबीआई इन तथ्यों को खंगाल रही है. सीबीआई ने उन सदस्यों से पूछताछ की जिन्होंने इस केस में आनंद गिरि, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी को गिरफ्तार करके जेल भेजा था. सीबीआई यह जानना चाह रही थी कि पकड़े गए आरोपियों ने अपने बयान में क्या कहा ? विवेचना सिर्फ सुसाइड नोट के आधार पर खत्म हो गई या धरपकड़ के दौरान उनसे पूछताछ में कोई तथ्य सामने आया है. कोर्ट के आदेश पर अगर नैनी जेल में जाकर बयान दर्ज किया गया तो उसमें नया तथ्य क्या मिल सकता है. सीबीआई आरोपियों के मोबाइल और कॉल डिटेल के आधार पर पूछताछ करेगी.

सीबीआई ने एसआईटी से भी पूछताछ की. सीबीआई ने पूछा कि आखिर वह व्यक्ति कौन था जिसने नरेंद्र गिरि को कहा था कि आनंद गिरि हरिद्वार से उनका अश्लील वीडियो वायरल करने वाला था ? क्या उस व्यक्ति से एसआईटी ने अभी तक पूछताछ की है. हालांकि इस पर एसआईटी ने सीबीआई को क्या जानकारी दी, इसका खुलासा नहीं हो सका है. घंटों चली इस बैठक में सीबीआई ने एसआईटी में शामिल हर सदस्य की कार्रवाई जानी. एसआईटी की ओर से जो साक्ष्य और रिपोर्ट सीबीआई को दी गई है, उसी आधार पर सीबीआई मामले में अपडेट ले रही है.

सीबीआई को शक है कि कहीं ऐसा तो नहीं कि इस खेल में कोई और बड़ा चेहरा भी शामिल हो. एक साथ मिलकर करोड़ों की संपत्ति हड़पने के लिए आनंद गिरि को शामिल करके खेल किया गया. परदे के पीछे से नरेंद्र गिरि का सहयोगी बनकर उन्हें उकसाया गया और आनंद गिरि के खिलाफ भड़काया गया. आखिर वह व्यक्ति कौन है जिसके बारे में सुसाइड नोट में लिखा है कि हरिद्वार के एक व्यक्ति ने बताया था कि वहां आनंद गिरि एक महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति में थे और उनका अश्लील वीडियो वायरल होने वाला है. नरेंद्र गिरि व्हाट्सएप का इस्तेमाल नहीं करते थे. फिर उस आदमी ने कैसे बातचीत की, क्या सिर्फ फोन पर कहने से ही नरेंद्र गिरि डर गए थे या साजिश के तहत उनके किसी अपने ने ही मठ के अंदर वह अश्लील वीडियो दिखाकर डराया था. इन सवालों की तह तक जाने के लिए सीबीआई प्रयासरत है.

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