ऋषिकेश: शुक्रवार सुबह डीएसपी के नेतृत्व में सीबीआई की 7 सदस्यों की टीम फिर से ऋषिकेश एम्स में पहुंची है. एम्स ऋषिकेश में नियुक्त चिकित्सा अधिकारियों से सीबीआई की टीम द्वारा पूछताछ की जा रही है. वहीं नियुक्ति और खरीदारी में घपले के आरोपों से घिरे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में बीते वर्ष फरवरी में भी सीबीआई की टीम ने छापा मारा था. तबपांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. शुक्रवार 31 मार्च 2023 को एक बार फिर एक डीएसपी के नेतृत्व में सीबीआई की टीम एम्स ऋषिकेश पहुंची है. इस टीम में सात लोग शामिल हैं.टीम ने चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय में आवश्यक पूछताछ कर रहे हैं.
फिर AIIMS ऋषिकेश पहुंची सीबीआई की टीम, उपकरण खरीद घपले की कर रही है जांच
दवा और उपकरणों की खरीद में अनियमितताओं के मामले में शुक्रवार सुबह सीबीआई की टीम फिर ऋषिकेश एम्स पहुंची. जबकि पूर्व में भी सीबीआई इस मामले में 24 जगहों पर छापेमारी कर चुकी है. इस घोटाले में कई लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई है.
एम्स ऋषिकेश में सीबीआई की एक टीम जांच के लिए आई है. सीबीआई की टीम कागजातों की जांच कर रही है. इसके साथ अफसरों से पूछताछ भी चल रही है. एम्स में पूर्व में चिकित्सा उपकरण, मेडिकल स्टोर आवंटन और दवाओं की खरीद, नियुक्तियों के मामले की जांच चल रही है. बता दें कि एम्स के पांच अधिकारियों समेत 8 लोगों पर पूर्व में मुकदमे दर्ज हुए थे. शुक्रवार को भी CBI के DSP के नेतृत्व में सात सदस्यों की टीम एम्स ऋषिकेश पहुंची है. टीम ने पिछले वर्ष 3 से 7 फरवरी को भी छापेमारी की थी. इसके बाद22 अप्रैल 2022 को भी टीम एम्स पहुंची थी.
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अब यह तीसरी छापेमारी है. साल 2017-18 में एम्स ने स्वीपिंग मशीनों की खरीदारी की थी. इस खरीदारी में 2.41 करोड़ के घपले की जांच चल रही है. कहा जा रहा है कि दूसरी कंपनी यही मशीन एक करोड़ रुपए में दे रही थी. ऋषिकेश एम्स में दवा और उपकरणों में पूर्व में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 24 जगहों में छापेमारी की थी. इस मामले में पांच अधिकारियों समेत 8 लोगों को नामजद किया गया है. मामले में तत्कालीन अतिरिक्त प्रोफेसर, तत्कालीन सहायक प्रोफेसर, तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारी, एम्स के तत्कालीन लेखा अधिकारी, ऋषिकेश (उत्तराखंड), नई दिल्ली स्थित निजी फर्म के मालिक के नाम शामिल हैं. गौर हो कि रोड स्वीपिंग मशीन की खरीद में 2.41 करोड़ रुपए, जबकि मेडिकल स्टोर की स्थापना के लिए टेंडर के पुरस्कार में 2 करोड़ रुपये (लगभग) का कथित घपले का आरोप है.