नई दिल्ली: CBI ने बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के नवीनीकरण के मामले पर संज्ञान लेते हुए प्रारंभिक जांच शुरू कर दी. अब CBI की एक टीम सभी तथ्यों की जांच करेगी और देखेगी कि कथित भ्रष्टाचार के आरोपों में सच्चाई है या नहीं. इस घर के निर्माण से जुडे़ सभी दस्तावेदज खंगाले जाएंगे और विभिन्न विभागों की फाइलें भी जांच के दायरे में होंगी.
सीबीआई के अधिकारी आधिकारिक तौर पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं, लेकिन नाम न बताने की शर्त पर एक अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी. इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केजरीवाल के आवास के नवीनीकरण से संबंधित आरोपों की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. यह आदेश दिल्ली एलजी की सिफारिश के बाद दिया गया था.
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AAP का हमलाः CBI की जांच शुरू होने पर आदमी पार्टी ने कहा, "भाजपा ने आम आदमी पार्टी को नष्ट करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी है. अब सभी जांच एजेंसियों को तैनात कर दिया गया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का घेराव करें, लेकिन दिल्ली की 2 करोड़ जनता का आशीर्वाद अरविंद केजरीवाल के साथ है. इस जांच से कुछ नहीं निकलेगा. बीजेपी चाहे जितनी भी जांच चाहे, अरविंद केजरीवाल जनता के हितों के लिए लड़ते रहेंगे आम आदमी."
LG ने लिया था संज्ञानःCM केजरीवाल के सिविल लाइंस 6 फ्लैग स्टाफ रोड स्थित सरकारी बंगले में रेनोवेशन के नाम पर करीब 45 करोड़ खर्च होने के मामले में बीजेपी के अलावा प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने भी उपराज्यपाल वीके सक्सेना से शिकायत की थी. इसके बाद उपराज्यपाल ने प्रधान सचिव से इस बाबत विस्तृत ब्यौरा संबंधित विभाग से मांगा था. अलग-अलग विभागों की रिपोर्ट में आई अनियमितता के बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी.
विपक्ष ने बनाया था बड़ा मुद्दाः बीते दिनों सीएम के सरकारी बंगले को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ था. दावा किया गया है कि बंगले में सौंदर्यीकरण के नाम पर दो या पांच नहीं बल्कि 45 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. इसको लेकर विपक्ष ने बड़ा मुद्दा बनाया था. दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, यह सौंदर्यीकरण नहीं था पुराने ढांचे के स्थान पर एक नया घर बनाया गया और वहां उनका कैंप ऑफिस भी है. खर्च लगभग 44 करोड़ रुपये हुए हैं.
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लोक निर्माण विभाग ने ऑडिट के बाद इसके जीर्णोद्धार की रिपोर्ट दी थी. पुराने ढांचे के स्थान पर एक नया ढांचा बनाया गया है. सूत्रों द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेज के अनुसार निर्माण पर 43.70 करोड़ की स्वीकृति राशि के मुकाबले कुल 44.78 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. इस मामले में सीबीआई ने सरकार के संबंधित विभाग प्रमुख से दस्तावेज उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है. इसमें सिविल लाइन्स स्थित सीएम आवास में अतिरिक्त निर्माण से संबंधित लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की सिफारिश व अनुमोदन वाली नोटशीट भी मांगी है.
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