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गोमती रिवरफ्रंट घोटाला : CBI ने यूपी, राजस्थान, बंगाल में 42 जगह की छापेमारी

उत्तर प्रदेश के गोमती रिवरफ्रंट घोटाला मामले में सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज होने के बाद सोमवार को कई राज्यों में करीब 42 जगहों पर व्यापक तलाशी अभियान चलाया. छापेमारी में उत्तर प्रदेश के 13 जिले, राजस्थान का अलवर और पश्चिम बंगाल का कोलकाता शामिल है.

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Published : Jul 5, 2021, 11:01 AM IST

Updated : Jul 5, 2021, 4:51 PM IST

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CBI की लखनऊ समेत यूपी में कई ठिकानों पर छापेमारी

लखनऊ/अलवर/कोलकाता/नई दिल्ली : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने लखनऊ में 1,437 करोड़ रुपये की गोमती रिवरफ्रंट परियोजना में कथित अनियमितताओं के संबंध में 189 अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ दूसरी प्राथमिकी दर्ज की है. उत्तर प्रदेश में पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी (सपा) की सरकार के दौरान यह परियोजना संचालित हुई थी, तब सपा प्रमुख अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे. अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी.

उल्लेखनीय है कि राज्य में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं. अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद सोमवार को कई राज्यों में करीब 42 जगहों पर व्यापक तलाशी अभियान चलाया, जिनमें उत्तर प्रदेश के 13 जिले, राजस्थान का अलवर और पश्चिम बंगाल का कोलकाता शामिल है. उन्होंने कहा कि सुबह शुरू हुआ तलाशी अभियान अभी चल रहा है और आज जारी रह सकता है.

सीबीआई ने दूसरी प्राथमिकी दर्ज की

इस परियोजना में अनियमितता के सिलसिले में सीबीआई ने दूसरी प्राथमिकी दर्ज की है. इससे पहले की प्राथमिकी में 1,031 करोड़ रुपये के कार्य आदेशों की जांच चल रही है. वर्तमान प्राथमिकी में मुख्य अभियंताओं समेत 16 अधिकारियों और 173 ठेकेदारों को आरोपी बनाया गया है. इसमें सीबीआई ने कहा है कि निविदाएं आमंत्रित करने वाले 30 नोटिस जांच के दायरे में हैं.

प्राथमिकी में कहा गया है कि इनमें से केवल पांच नोटिस ही अखबारों में प्रकाशित हुए तथा सूचना एवं प्रसारण विभाग को अनुपालना दर्शाने के लिए बाकी के 25 फर्जी पत्र भेजे गए. इसमें एजेंसी ने इस तरह की अनेक अनियमितताओं की जानकारी दी है जिनमें फर्जी दस्तावेजों के आधार पर निविदा देना, निविदा आमंत्रित करने के लिए नोटिस के प्रकाशन में फर्जीवाड़ा करना आदि शामिल है.

बिना निविदा निकाले एक लाख वाले 27 कार्य आदेश

इसके मुताबिक, शुरुआती जांच में पता चला है कि एक-एक लाख रुपये से अधिक के 27 कार्य आदेश, निविदा निकाले बगैर ही दे दिए गए. यह सरकार के आदेश का उल्लंघन है जिसमें कहा गया है कि एक लाख रुपये से अधिक का कोई भी ऑर्डर निविदा के बगैर नहीं दिया जा सकता. फ्रांस से 55.95 लाख यूरो (वर्तमान में करीब 49.3 करोड़ रुपये) से अधिक कीमत पर अंतरराष्ट्रीय स्तर के म्यूजिकल फाउंटेन का आयात करने का मामला भी इसमें शामिल है. इस मामले में कई अधिकारी जांच के घेरे में हैं.

ठेकेदार भाटी, कांग्रेस का सदस्य

बुलंदशहर में सीबीआई अधिकारियों ने इस सिलसिले में ठेकेदार राकेश भाटी के आवास पर छापा मारा. भार्टी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस इकाई का सदस्य भी है.

मंत्री सिद्धार्थ नाथ ने साधा निशाना

उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने गोमती रिवरफ्रंट में कथित घोटाले के सिलसिले में सोमवार को सीबीआई द्वारा विभिन्न स्थानों पर छापेमारी का जिक्र करते हुए कहा कि यह घोटाला पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार की हरकतों को जाहिर कर रहा है.

उन्होंने आरोप लगाया, 'गोमती रिवरफ्रंट का घोटाला अखिलेश सरकार की करतूतों को चीख-चीख कर बता रहा है. सीबीआई सात राज्यों और 40 ठिकानों पर छापेमारी कर रही है. सीबीआई अपना काम कर रही है.'

उत्तर प्रदेश में 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं जिनमें अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी और मायावती की अगुवाई में बहुजन समाज पार्टी के साथ ही कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी को राज्य की सत्ता से हटाने की कोशिश करेंगे.

ये हैं आरोप

गोमती रिवर फ्रंट के निर्माण कार्य से जुड़े इंजीनियरों पर दागी कंपनियों को काम देने, विदेशों से महंगा सामान खरीदने, चैनलाइजेशन के कार्य में घोटाला करने, नेताओं और अधिकारियों के विदेश दौरे में फिजूलखर्ची करने सहित वित्तीय लेन-देन में घोटाला करने और नक्शे के अनुसार कार्य नहीं कराने का आरोप है.

पढ़ें- गोमती रिवर फ्रंट घोटाला: सिंचाई विभाग के तत्कालीन अभियंता अधीक्षण रूप सिंह यादव की की जमानत अर्जी खारिज

Last Updated : Jul 5, 2021, 4:51 PM IST

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