मीसा भारती के आवास पर सीबीआई की टीम पटना/नई दिल्ली: 'नौकरी के बदले जमीन' घोटाला मामले में राबड़ी देवी के बाद अब पूर्व रेल मंत्री लालू यादव और आरजेडी सांसद मीसा भारती से आज दिल्ली में पूछताछ हुई. इसको लेकर मीसा के आवास के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई थी. इससे पहले सोमवार को पटना में पूर्व सीएम राबड़ी देवी से भी सीबीआई ने 5 घंटे तक पूछताछ की थी. जिसे लेकर बिहार में राजनीतिक पारा काफी हाई रहा था. बिहार में सत्ता पक्ष के नेताओं ने तो इस पूछताछ को होली मिलन तक करार दे दिया था.
ये भी पढे़ंःLand For Job Scam: पटना में राबड़ी आवास से निकली CBI की टीम, जमीन के बदले नौकरी देने के मामले में हुई पूछताछ
सीबीआई की पूछताछ पर भड़कीं रोहिणी:लालू से सीबीआई की पूछताछ पर सियासत भी गरमायी हुई है. बिहार में जहां आरजेडी के तमाम नेता इसका विरोध कर रहे हैं, वहीं सिंगापुर से उनकी बेटी रोहिणी आचार्य ने ट्वीट कर निशाना साधा है. उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि मेरे बीमार पिता को परेशान किया जा रहा है. अगर उनको कुछ हुआ तो मैं किसी को नहीं छोडूंगी.
15 मार्च को कोर्ट में पेशी का नोटिस: दरअसल, इस मामले में कोर्ट ने लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती, समेत 14 आरोपियों को समन भेजकर 15 मार्च को कोर्ट में पेश होने को कहा है. हालांकि कि लालू यादव अभी कुछ दिन पहले ही सिंगापुर से किडनी का ऑपरेशन करा कर घर लौटे हैं और मेडिकल रेस्ट पर हैं. ऐसे में कोर्ट में उनका पेश होना अभी असंभव ही लगता है.
14 साल पुराना है ये मामलाःआपको बता दें कि ये मामला 2004 से 2009 का है, जब लालू यादव केंद्रीय रेल मंत्री थे. इस मामले में लालू यादव के अलावा उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव समेत 12 अन्य लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है. आरोप के मुताबिक जब राजद सुप्रीमो लालू यादव रेल मंत्री थे, तब उन्हें और उनके परिवार वालों को रेलवे में नौकरी देने के बदले कई लोगों से जमीन गिफ्ट में मिली थी या फिर उनसे नगद बेच दी गई.
क्या है लालू और उनके परिवार पर आरोपःदरअसल इस घोटाले को लेकर सीबीआई का कहना है कि पटना में लालू यादव के परिवार ने 1.05 लाख वर्ग फीट जमीन पर कथित रूप से कब्जा कर रखा है. जिसकी लेन देन नगद हुई थी और ये जमीनें बहुत ही कम कीमत पर बेच दी गईं थी. इसके अलावा सीबीआई ने जांच में ये भी पाया कि रेलवे में सब्स्टीट्यूट की भर्ती को लेकर कोई विज्ञापन भी नहीं निकाला गया था, लेकिन जिसने भी लालू यादव और उनके परिवार को जमीन दी थी, उनके घर वालों और रिश्तेदारों को हाजीपुर जबलपुर, जयपुर, कोलकाता, और मुंबई रेलवे में नौकरियां दी गईं.