मुंबई : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने भ्रष्टाचार के एक मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) की जमानत याचिका का विरोध करते हुए शुक्रवार को अपना जवाब दाखिल किया. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता देशमुख (71) को पिछले साल नवंबर में धन शोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया था और वर्तमान में वह आर्थर रोड जेल में बंद हैं.
बंबई उच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह धन शोधन के मामले में पूर्व मंत्री को जमानत दे दी थी, जिसके बाद उन्होंने भ्रष्टाचार के मामले में जमानत के लिए विशेष सीबीआई अदालत का रुख किया. देशमुख ने अपनी याचिका में दावा किया कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह और बर्खास्त किए गए पुलिसकर्मी सचिन वाजे ने मिलीभगत से काम किया था और खुद को बचाने के लिए उनके सिर ठिकरा फोड़ा.
याचिका में उन बयानों की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए गए हैं, जिन पर सीबीआई का मामला आधारित है. जांच एजेंसी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त लोक अभियोजक आशीष चव्हाण ने कहा, 'हम उनकी जमानत का विरोध करते हैं. हमने जमानत याचिका में दी गई सभी दलीलों का विरोध किया है.' इससे पहले, परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि राज्य के तत्कालीन गृह मंत्री देशमुख ने पुलिस कर्मियों को शहर के रेस्तरां और बार से प्रति माह 100 करोड़ रुपये से वसूली करने का निर्देश दिया था.