नई दिल्ली/पटना:'लैंड फॉर जॉब' घोटाला मामले में सीबीआई के समन पर बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से शनिवार को सीबीआई ऑफिस में पूछताछ हुई. सीबीआई उनसे रेलवे में जमीन के बदले नौकरी देने के मामले में पूछताछ की है. उधर, ईडी ने लालू यादव की बड़ी बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती से पूछताछ की. सीबीआई मुख्यालय से बाहर निकलने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए तेजस्वी ने कहा कि उनसे जो भी सवाल पूछे गए, उन्होंने उन प्रश्नों के जवाब दिए. उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सच तो ये है कि कोई घोटाला हुआ ही नहीं है.
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"हमने पहले भी कहा है. जब से जांच शुरू हुई है, हमने और हमारे परिवार के लोगों ने जवाब दिया है. हर बार जांच में सहयोग किया गया है. मुझसे जो सवाल पूछा गया, उसका मैंने जवाब दिया है. ये निराधार चीजें हैं. कौन क्या कहता है, उससे फर्क नहीं पड़ता है लेकिन सच्चाई ये है कि घोटाला हुआ ही नहीं है. इससे अधिक हम कुछ नहीं कहेंगे, बाकी चीजें लीगल है. वैसे सब लोग जानते हैं कि ये हो क्यों रहा है"- तेजस्वी यादव, उपमुख्यमंत्री, बिहार
'देश में इमरजेंसी जैसे हालात' : वहीं नौकरी के बदले जमीन घोटाले में तेजस्वी यादव से सीबीआई की पूछताछ पर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा है कि देश में इमरजेंसी जैसे हालात हैं. केन्द्र सरकार हताशा और निराशा में ऐसी कार्रवाई कर रही है. उन्होंने कहा कि जनता सबकुछ देख रही है और वो एक एक चीज का हिसाब चुकता करेगी.
मीसा भारती के घर पहुंचे अखिलेश यादव:लालू यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती भी ईडी दफ्तर पहुंची है. उनसे भी लैंड फॉर जॉब स्कैम में पूछताछ हो रही है. इस बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव मीसा भारती के घर पहुंचे और उनसे मुलाकात की. उन्होंने कहा कि 'ईडी और सीबीआई का क्षेत्रिय दलों के खिलाफ इस्तेमाल हो रहा है.'
सीबीआई मुख्यालय में तेजस्वी से पूछताछ: बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव शनिवार को लैंड फार जॉब घोटाला मामले में पूछताछ के लिए सुबह 10.30 बजे सीबीआई आफिस पहुंच गए. सीबीआई मुख्यालय से 500 मीटर पहले ही पुलिस ने बैरिकेडिंग कर सिर्फ एक गाड़ी के निकलने का रास्ता ही रहने दिया था, तेजस्वी की गाड़ी सीधे सीबीआई आफिस के अंदर दाखिल हुई. उनके आगे पीछे दिल्ली पुलिस की गाड़ियां थीं. बता दें कि लालू परिवार के 7 सदस्य आरोपी हैं, लेकिन तेजस्वी यादव के नाम आने से परिवार की मुश्किलें बढ़ गई हैं. तेजस्वी यादव फिलहाल बिहार सरकार में उपमुख्यमंत्री हैं. लैंड फॉर जॉब मामला उस समय का है जब 2004 से 2009 के बीच लालू प्रसाद यादव यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे. उन पर आरोप है कि रेल मंत्री रहते रेलवे भर्ती में घोटाला हुआ. नौकरी लगवाने के बदले में आवेदकों से जमीन और प्लॉट लिए गए.
16 मार्च को हाईकोर्ट ने दिया था आदेश: बता दें कि लैंड फॉर जॉब मामले में बीती 16 मार्च को दिल्ली हाई कोर्ट ने तेजस्वी को आज 25 मार्च को सीबीआई के सामने पेश होने का निर्देश दिया था. जिसके अनुसार तेजस्वी आज पेश होने और घोटाले से संबंधित सवालों के जवाब देने के लिए सीबीआई ऑफिस पहुंचे हैं. इससे पहले सीबीआई ने तेजस्वी को इसी महीने पूछताछ के लिए तीन बार समन किया था लेकिन तेजस्वी पत्नी के बीमार होने, बिहार विधानसभा का सत्र चलने का कारण बताते हुए पेश नहीं हुए थे.
नौकरी के बदले कौड़ियों के भाव ली गई जमीन: सीबीआई ने इस मामले में जांच के बाद लालू प्रसाद यादव और उनकी बेटी मीसा भारती के खिलाफ मामला दर्ज किया. आरोप है कि जो जमीनें ली गईं वो राबड़ी देवी और मीसा भारती के साथ परिवार के अन्य सदस्यों के नाम पर कौड़ियों के दाम पर भी ली गईं या फिर उन्हें गिफ्ट में दिया गया. सीबीआई को जांच में ऐसे सात उदाहरण मिले जहां उम्मीदवारों को कथित तौर पर नौकरी दी गई, जब उनके परिवार के सदस्यों ने लालू प्रसाद यादव के परिवार को जमीन हस्तांतरित की. अब एक बार फिर से सीबीआई के तेजस्वी यादव से पूछताछ के कारण यह मामला चर्चा में है. सीबीआई ने तेजस्वी यादव को तीन बार पहले भी सम्मन जारी किया था. लेकिन किसी न किसी कारण से अपनी व्यस्तता बताते हुए सीबीआई के समक्ष हाजिर नहीं हुए. मामला कोर्ट में भी गया और कोर्ट के निर्देश पर ही आज की तिथि मुकर्रर हुई थी.
क्या है लैंड फॉर जॉब स्कैम?: लैंड फॉर जॉब स्कैम में लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार वालों पर रेलवे में नौकरी दिलाने के बदले जमीन लेने का आरोप है. इस मामले में CBI ने पिछले साल मई में लालू और उनके परिवार के सदस्यों पर भ्रष्टाचार का नया केस दर्ज किया था. CBI ने पिछले साल मई में लालू के अलावा उनकी पत्नी राबड़ी देवी, दो बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव समेत लालू के करीबियों और परिजनों के 17 ठिकानों पर छापेमारी की थी. CBI ने इस मामले में पिछले साल मई में लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी और पूर्व CM राबड़ी देवी, उनकी बेटियों मीसा यादव और हेमा यादव के अलावा नौकरी पाने के बदले में कम कीमत में जमीन देने वाले कुछ अयोग्य उम्मीदवारों समेत 16 लोगों को आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ FIR दर्ज की थी.
12 लोगों से नौकरियों के बदले 7 प्लॉट लिए: लालू के खिलाफ दर्ज केस में CBI ने आरोप लगाया है कि यूपीए सरकार के दौरान 2004 से 2009 तक रेलवे मंत्री रहने के दौरान लालू प्रसाद यादव ने रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे रिश्वत के रूप में जमीन के प्लॉट लिए थे. इस दौरान लालू पर रेलवे के कई जोन में ग्रुप डी पदों पर 12 लोगों की भर्ती के बदले अपने परिवार वालों के नाम पर जमीन के 7 प्लॉट ट्रांसफर करवाकर आर्थिक फायदा लेने का आरोप है. जमीन के ये 7 प्लॉट रेलवे में नौकरी पाने वाले उन 12 लोगों के हैं. CBI ने लालू यादव और राबड़ी देवी की छोटी बेटी हेमा यादव को भी लैंड फॉर जॉब स्कैम में आरोपी बनाया है. हेमा पर गिफ्ट के रूप में जमीन लेने का आरोप है.
बिना विज्ञापन के ही दी नौकरी:CBI ने अपनी जांच में पाया कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए बिना किसी विज्ञापन के कई लोगों को रेलवे में ग्रुप-डी की नौकरी दी थी. इन लोगों को भारतीय रेलवे में मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में नियुक्त किया गया था. CBI के अनुसार लालू यादव के परिवार ने बिहार में 1 लाख स्क्वायर फीट से ज्यादा जमीन महज 26 लाख रुपए में हासिल कर ली, जबकि उस समय के सर्कल रेट के अनुसार जमीन की कीमत करीब 4.39 करोड़ रुपए थी. खास बात ये है कि लैंड ट्रांसफर के ज्यादातर केस में जमीन मालिक को कैश में भुगतान किया गया.