नई दिल्ली : केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने संवेदनशील पनडुब्बी रेट्रो-फिटिंग (उत्पादन के बाद पुर्जा जोड़ने की) परियोजना को संभाल रहे नौसेना के अधिकारियों की गिरफ्तारी से संबंधित मामले में मंगलवार को अपना पहला आरोपपत्र दाखिल किया.
अधिकारियों को आर्थिक लाभ के बदले गोपनीय जानकारी लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. सीबीआई द्वारा राउज एवेन्यू अदालत में विशेष सीबीआई न्यायाधीश के समक्ष दाखिल आरोपपत्र में दो सेवारत नौसेना कमांडरों सहित छह लोगों के नाम हैं. इनमें से एक का नाम अजीत कुमार पांडेय, कमोडोर रैंक का एक सेवानिवृत्त अधिकारी रणदीप सिंह, कमांडर रैंक का एक अन्य सेवानिवृत्त अधिकारी एस जे सिंह, जो एक कोरियाई सबमरीन कंपनी के लिए कार्यरत था, एक निजी कंपनी का निदेशक और एक कथित हवाला ऑपरेटर शामिल है.
सीबीआई ने दो सेवानिवृत्त अधिकारियों को गिरफ्तार किया था और छापेमारी के दौरान उनमें से एक के आवास से 2 करोड़ रुपये बरामद किए थे. उन्होंने बताया कि एजेंसी ने भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत आपराधिक साजिश के आरोप में छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. आरोप है कि सेवारत नौसैनिक अधिकारी कथित तौर पर आर्थिक लाभ के बदले सेवानिवृत्त अधिकारियों को गोपनीय जानकारी लीक कर रहे थे.
सितंबर में दो सेवानिवृत्त अधिकारी गिरफ्तार किए थे
अधिकारियों ने बताया कि सूचना मिलने के बाद सीबीआई ने सितंबर में छापेमारी की थी जिसमें दो सेवानिवृत्त अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था. सूत्रों ने कहा कि आगे की जांच जारी है और कुछ विदेशी नागरिकों की भूमिका जांच के दायरे में है. उन्होंने कहा कि संवेदनशील और हाई प्रोफाइल भ्रष्टाचार के मामलों को देखने वाली एजेंसी की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई को सूचना लीक होने का पता लगाने का काम सौंपा गया था, जिसके बाद अभियान शुरू किया गया था. उन्होंने बताया कि इकाई ने गिरफ्तार अधिकारियों और सेवानिवृत्त कर्मियों के नियमित संपर्क में रहने वाले कई अन्य अधिकारियों और पूर्व सैनिकों से पूछताछ की है.