दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

100 करोड़ के बदले राज्यपाल बनाने का दिया भरोसा, सीबीआई की गिरफ्त में आरोपी - cbi rajya sabha seat gang

सीबीआई ने एक सनसनीखेज मामले का भंडाफोड़ किया है. इसमें नोट के बदले राज्यसभा सीट और राज्यपाल जैसे पद को दिलाने का आश्वासन दिया गया है. सीबीआई के अनुसार आरोपी ने 100 करोड़ रु. के बदले राज्यपाल पद दिलाने का भरोसा दिया था.

cbi
सीबीआई

By

Published : Jul 25, 2022, 5:49 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने राज्यसभा सीट और राज्यपाल पद दिलाने के झूठे वादे को लेकर लोगों से कथित तौर पर 100 करोड़ रुपये की ठगी करने की कोशिश करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ कर उसके चार सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है.

जानकारी के मुताबिक सीबीआई पिछले कुछ दिनों से इस संबंध में फोन टैप कर रही थी. जिन आरोपियों के नाम सामने आए हैं, उनमें महाराष्ट्र के करमलाकर प्रेमकुमार बंदगर, कर्नाटक के रवींद्र विट्ठल नाइक, दिल्ली के महेंद्र पाल अरोड़ा और अभिषेक बूरा का नाम सामने आया है. सीबीआई ने कहा है कि आरोपी बड़े-बड़े लोगों से संपर्क कर उन्हें झूठा भरोसा देते थे कि उन्हें राज्यसभा की सीट दिलवा दी जाएगी. किसी को गवर्नर बनवाने का सपना दिखाया जाता था. आरोपी मंत्रालय से काम करवाने की भी बात करते थे.

सीबीआई के अनुसार बंदगर अपने आप को सीबीआई अधिकारी बताकर लोगों के सामने पेश होता था. वह अपने साथियों से कहता था कि वह बड़ी-बड़ी पार्टियों से संपर्क करे. सीबीआई अधिकारियों के मुताबिक, तलाशी अभियान के दौरान एक आरोपी सीबीआई अधिकारियों पर हमला कर फरार होने में कामयाब रहा. उन्होंने बताया कि फरार आरोपी के खिलाफ जांच एजेंसी के अधिकारियों पर हमला करने के आरोप में स्थानीय पुलिस थाने में एक अलग प्राथमिकी दर्ज की गई है.

अधिकारियों के अनुसार, प्राथमिकी में सीबीआई ने महाराष्ट्र के लातूर जिले के रहने वाले कमलाकर प्रेमकुमार बंदगर, कर्नाटक के बेलगाम निवासी रवींद्र विट्ठल नाइक और दिल्ली-एनसीआर के रहने वाले महेंद्र पाल अरोड़ा, अभिषेक बूरा व मोहम्मद एजाज खान को नामजद किया है.

प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि बंदगर खुद को एक वरिष्ठ सीबीआई अधिकारी के रूप में पेश करता था और उच्च पदस्थ अधिकारियों के साथ अपने संबंधों का हवाला देते हुए बूरा, अरोड़ा, खान और नाइक से कोई भी ऐसा काम लाने को कहता था, जिसे वह भारी-भरकम रकम के एवज में पूरा करवा सकता है. प्राथमिकी के मुताबिक, आरोपियों ने 'राज्यसभा की सीट दिलवाने, राज्यपाल के रूप में नियुक्ति करवाने और केंद्र सरकार के मंत्रालयों एवं विभागों के अधीन आने वाली विभिन्न सरकारी संस्थाओं का अध्यक्ष बनवाने का झूठा आश्वासन देकर आम लोगों से भारी-भरकम राशि ऐंठने के गलत इरादे से' साजिश रची.

प्राथमिकी के अनुसार, सीबीआई को अपने सूत्र से पता चला कि बूरा ने बंदगर से चर्चा की थी कि कैसे नियुक्तियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले उच्च पदस्थ अधिकारियों के साथ बूरा के कथित संबंधों का इस्तेमाल काम निकलवाने के लिए किया जा सकता है. इसमें आरोप लगाया गया है कि आरोपी सौ करोड़ रुपये के एवज में राज्यसभा की उम्मीदवारी दिलवाने के झूठे वादे के साथ लोगों को ठगने की कोशिशों में जुटे थे.

प्राथमिकी के मुताबिक, सीबीआई को सूचना मिली थी कि आरोपी वरिष्ठ नौकरशाहों और राजनीतिक पदाधिकारियों के नाम का इस्तेमाल करेंगे, ताकि किसी काम के लिए उनसे संपर्क करने वाले ग्राहकों को सीधे या फिर अभिषेक बूरा जैसे बिचौलिए के माध्यम से प्रभावित किया जा सके.

प्राथमिकी के अनुसार, यह भी पता चला है कि बंदगर ने खुद को सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी के रूप में पेश किया था और विभिन्न पुलिस थानों के अधिकारियों से अपने परिचित लोगों का काम कराने को कहा था और विभिन्न मामलों की जांच को प्रभावित करने की कोशिश भी की थी.

ये भी पढ़ें: विपक्षी पार्टियों की शिकायत, राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में खड़गे का 'अपमान'

(PTI)

ABOUT THE AUTHOR

...view details