नई दिल्ली : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने कथित तौर पर एफसीआरए नियमों का उल्लंघन करते हुए विदेशी चंदों को मंजूरी दिलाने के मामले में देशभर में 40 जगहों पर केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों, गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों तथा बिचौलियों के खिलाफ अभियान चलाया और 14 लोगों को गिरफ्तार किया. इस कार्रवाई के दौरान 3.21 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी.
एजेंसी ने मंत्रालय की शिकायत पर 10 मई को 36 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. इन लोगों में गृह मंत्रालय के एफसीआरए डिवीजन के सात अधिकारियों के साथ ही एनजीओ के प्रतिनिधि और बिचौलिए शामिल हैं. सीबीआई ने मंगलवार को देशभर में 40 ठिकानों पर छापे मारे थे. अधिकारियों ने बताया कि मंत्रालय ने पाया कि कम से कम तीन नेटवर्क सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे थे जो गैर सरकारी संगठनों को विदेशी चंदा (विनियमन) कानून (एफसीआरए) संबंधी मंजूरी में तेजी लाने के लिए उनसे पैसे ले रहे थे ताकि उन्हें विदेशी चंदा मिल सके.
मंत्रालय ने इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं. केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने 29 मार्च को सीबीआई को एक पत्र लिख कर कहा था कि कम से कम तीन एफसीआरए मंजूरी नेटवर्क कुछ सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. अधिकारियों ने कहा कि जब यह मामला गृह मंत्री अमित शाह के संज्ञान में लाया गया तो उन्होंने इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया था.
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सीबीआई प्रवक्ता आर. सी. जोशी के अनुसार कुछ अधिकारी एफसीआरए के तहत पंजीकरण व पंजीकरण के नवीनीकरण और एफसीआरए से संबंधित अन्य कार्यों के लिए गैर सरकारी संगठनों से कथित तौर पर रिश्वत ले रहे थे. उन्होंने बताया कि जांच के दौरान दो आरोपियों को गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ लेखाकार की ओर से चार लाख रुपये की रिश्वत लेते व देते हुए पकड़ा गया. आरोप है कि अवाडी (तमिलनाडु) में एक हवाला ऑपरेटर और उक्त अधिकारी के एक करीबी सहयोगी के जरिए रिश्वत दी गई. जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है उनमें प्रमोद कुमार भसीन, आलोक रंजन, राजकुमार, मोहम्मद गजनफर अली, उमा शंकर और तुषार कांति रॉय शामिल हैं. इसके अलावा गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई है.