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Watch : आंध्र प्रदेश में मतदाता सूची से नाम हटवाने के लिए झूठे फॉर्म 7 देने वालों पर केस

आंध्र प्रदेश में वोटर लिस्ट में नाम बढ़वाने और कटवाने को लेकर सत्ता पक्ष के नेताओं और विपक्ष के नेताओं में ठनी है. इस बीच जानबूझकर गलत फॉर्म 7 देने वालों के खिलाफ पुलिस ने मामले दर्ज किए हैं (Cases Filed on False Form 7 Applicants).

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 29, 2023, 10:28 PM IST

Cases Filed on False Form 7 Applicants
मतदाता सूची कार्य

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अमरावती: बापटला जिले के परचुर निर्वाचन क्षेत्र (Parchur constituency) में विपक्षी वोटों को हटाने के लिए जानबूझकर फॉर्म 7 लागू करने वालों के खिलाफ पुलिस ने मामले दर्ज किए हैं. परचूर, यद्दनपुडी और चिनगंजम मंडलों में बड़े पैमाने पर फर्जी वोट के मामले दर्ज किए गए हैं.

साथ ही टीडीपी समर्थकों के वोटों को हटाने के लिए निर्वाचन अधिकारियों को फॉर्म 7 आवेदन जमा किए गए थे. हालांकि टीडीपी नेताओं ने समय-समय पर अधिकारियों को इस बारे में बताया, लेकिन उन्हें कोई उचित जवाब नहीं मिला. रोजगार के लिए अन्यत्र गए लोगों के वोट इस आधार पर काटने के लिए आवेदन दिए गए कि वे घर पर मौजूद नहीं थे.

साथ ही जीवित मतदाताओं को मृत मानकर प्रपत्र 7 का आवेदन किया गया. हालांकि परचूर विधायक येलुरी संबाशिवराव ने सबूतों के साथ अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन वरिष्ठों के दबाव के कारण अधिकारियों ने इसे नजरअंदाज कर दिया.

विधायक येलुरी संबाशिव राव ने इसी महीने की 27 तारीख को हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया कि सत्ताधारी दल के नेताओं ने निर्वाचन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर वोट हटाने की साजिश रची है और स्थानीय प्रशासन इसमें सहयोग कर रहा है. हाई कोर्ट ने इस याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया. इसके साथ ही परचुर निर्वाचन क्षेत्र के अधिकारियों में अचानक हलचल मच गई. गलत फॉर्म 7 आवेदन दाखिल करने वालों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज की गई है.

अधिकांश झूठे फॉर्म 7 आवेदन परचूर, यद्दनपुडी और चिनगंजम मंडल में प्राप्त हुए थे. टीडीपी की ओर से पहले की गई शिकायत के मुताबिक अधिकारियों ने संबंधित पुलिस स्टेशनों में शिकायत दर्ज कराई है. निर्वाचन अधिकारी वेंकटरमन की शिकायत पर पुलिस ने गलत फॉर्म 7 आवेदन देने वालों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

बताया गया है कि परचुर निर्वाचन क्षेत्र में 14,000 फॉर्म 7 आवेदन दाखिल किए गए हैं. इस साजिश में जानबूझकर YSRCP के करीब 200 लोगों को शामिल किया गया था. टीडीपी समर्थकों का कहना है कि हालांकि उन्होंने इस मामले की शिकायत की है, लेकिन अधिकारियों ने कोई जवाब नहीं दिया है.

उन्होंने साफ कर दिया है कि वे वोट रद्द होने पर न्याय मिलने तक लड़ाई लड़ेंगे. उनका कहना है कि यह सत्ताधारी दल की अराजकता का प्रमाण है कि जो जीवित हैं उन्हें भी मृत घोषित कर दिया जाता है. टीडीपी नेताओं का आरोप है कि वे अगले चुनाव में हार के डर से वोट हटा रहे हैं.

कुछ दिन पहले अनंतपुर जिले में मतदाता सूची में गड़बड़ी के मामले में चुनाव आयोग के आदेश पर दो जिला स्तरीय अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया था. जिसे देखने के बाद भी अन्य अधिकारियों में कोई हलचल नहीं हुई. अब जब कोर्ट में याचिका दायर की गई है तो अधिकारियों ने पुलिस से शिकायत कर केस दर्ज कराया है.

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