नई दिल्ली :मणिपुर में कुकी-जोमी जनजातियों और मैतेई समुदाय के बीच संघर्ष के बाद 3 मई को भड़की हिंसा के बाद से अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं 50 हजार से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं. इस संबंध में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) के अध्यक्ष हर्ष चौहान (NCST chairman Harsh Chouhan) ने ईटीवी भारत से विशेष बात की. उन्होंने कहा कि मणिपुर में बढ़ी हिंसा की घटनाएं कोई आश्चर्य की बात नहीं है, बंगाल को देखें. उन्होंने कहा कि जब भी हिंसा होती है, यही पैटर्न देखा जाता है. पढ़ें साक्षात्कार के अंश.
प्रश्न : हम मणिपुर में आदिवासी समुदायों के बीच जातीय संघर्ष देख रहे हैं, खासकर कुकी और मैतेई के बीच. मणिपुर से एनसीएसटी द्वारा प्राप्त मामलों की संख्या पर कोई विवरण?
उत्तर- हां, हिंसा भड़कने के बाद से हमारे पास मणिपुर से कई मामले आए हैं और आ रहे हैं. यह एक सतत प्रक्रिया है, वे केंद्र सरकार और राज्य सरकार से भी संपर्क में हैं.
प्रश्न : 3 मई से अब तक आपको मणिपुर से कितने मामले मिले हैं?
उत्तर- हम इस समय डेटा जारी नहीं कर सकते. जैसा कि मैंने आपको बताया, यह एक नियमित और सतत प्रक्रिया है. हम इस पर कुछ भी नहीं कह सकते या टिप्पणी नहीं कर सकते क्योंकि हमारे पास अधिकार नहीं है. लेकिन मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि हम केंद्र और राज्य सरकार के संपर्क में हैं.
प्रश्न : कोई विशिष्ट विवरण जो आप हमारे साथ साझा कर सकें?
उत्तर- हमने विवरण/रिपोर्ट राज्य सरकार (मणिपुर सरकार) को स्थानांतरित कर दी है और वे हमें रिपोर्ट प्रदान कर रहे हैं. मणिपुर से हमें कितनी शिकायतें मिली हैं, हम इसे सार्वजनिक तौर पर उजागर नहीं कर सकते.