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Published : Dec 1, 2022, 1:39 PM IST

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हरियाणा में मुर्गिंयां मारने पर केस दर्ज, मृत मुर्गिंयों का कराया पोस्टमार्टम, जिंदा की पुलिस कर रही देखभाल

यूपी के बदायूं में चूहा मारने को लेकर दर्ज हुए मामले के बाद अब हरियाणा के अम्बाला में मुर्गियों को मारने का मामला चर्चा में है. युवक के खिलाफ मुर्गिंयों को क्रूरता से मारने (Case filed for killing hen in Haryana) का आरोप है. पुलिस ने मृत मुर्गिंयों का पोस्टमार्टम भी करवाया है. यही नहीं जज के सामने सुनवाई होने तक जिंदा मुर्गियों की देखरेख पुलिस कर रही है. क्या है पूरा मामला पढ़िए इस खबर में.

Ambala chickens Murder Case
हरियाणा में मुर्गिंयां मारने पर केस दर्ज, मृत मुर्गिंयों का कराया पोस्टमार्टम, जिंदा की पुलिस कर रही देखभाल

अम्बाला: यूपी के बदायूं में चूहा मारने के मामले में दर्ज केस के बाद अब हरियाणा के अम्बाला में मुर्गी मारने (Case filed for killing hen in Haryana) को लेकर केस दर्ज किया गया है. पुलिस ने युवक के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मुर्गिंयों को क्रूरता से मारने को लेकर केस दर्ज किया है. ये मामला हरियाणा के अम्बाला जिले के शहजादपुर कस्बे का है.

जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता अनामिका राणा ने इस संबंध में रिपोर्ट दर्ज कराई है. अनामिका ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ NH 344 पर सुबह करीब 9 बजे सहारनपुर जा रही थी. उस दौरान उसने देखा कि बाइक सवार युवक बाइक पर एक जंगला लगाकर उसमें मुर्गियों को ठूंस-ठूंस कर भरकर ले जा रहा था. युवक ने कुछ मुर्गिंयों को प्लास्टिक की रस्सी के साथ बांध कर उल्टा लटका रखा था.

इस पर अनामिका ने बाइक सवार को रोक कर डायल 112 पर फोन कर इसकी शिकायत की. मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच में पाया कि 51 में से 24 मुर्गियां (killing chickens in Ambala) मर चुकी थीं. वहीं 27 मुर्गियों की हालत गंभीर थी. पुलिस ने आरोपी सागर निवासी कड़ासन के विरुद्ध केस दर्ज (Ambala chickens Murder Case) कर मृत मुर्गियों का पोस्टमार्टम करवाया गया है.

शहजादपुर पुलिस स्टेशन ले जाकर आरोपी सागर के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम 1960 की धारा 11(1)(a), 11(1)(D), 11(1)(k), 11(1)(L) और धारा 3 के अलावा IPC की धारा 429 भी लगाई गई है. थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपी को फिलहाल जमानत पर छोड़ा गया है. मजिस्ट्रेट के समक्ष सुनवाई होने तक जिंदा मुर्गियों की देख-रेख की जा रही है.

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चूहे मारने का मामला, जिस पर दर्ज हुई एफआईआर:उत्तर प्रदेश के बदायूं में चूहे को मारने पर पुलिस ने केस (Rat Murder Case) दर्ज किया था. इस मामले में आरोपी युवक को हिरासत में भी लिया गया था. दरअसल, ‘पीपल फॉर एनिमल’ के जिला अध्यक्ष विकेंद्र शर्मा ने सदर कोतवाली पुलिस को पशु क्रूरता अधिनियम के तहत शिकायत दी थी. इसमें उन्होंने बताया था कि आरोपी मनोज कुमार चूहे की पूंछ में पत्थर बांधकर उसे वहां मौजूद नाले में फेंकता दिखा था. मनोज पर चूहे को क्रूरतापूर्ण तरीके से मारने का आरोप था.

एमपी में मुर्गी मारने पर दर्ज हुआ केस:वहींमध्यप्रदेश के मुरैना जिले में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था. जिसमें एक युवक पर मुर्गी की हत्या का आरोप लगाते हुए केस दर्ज किया गया था. दरअसल, सिविल लाइन थाना के मुरैना गांव में रहने वाली सुनीता की मुर्गी उसके पड़ोसी जाटव परिवार के घर के अंदर घुस गई थी. इस पर गुस्साए युवक ने मुर्गी की डंडे से पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. सुनीता ने इस मामले की शिकायत पुलिस से कर दी. पुलिस ने धारा 429 के तहत मामला दर्ज कर, मृत मुर्गी का पशु चिकित्सालय में पोस्टमार्टम कराया.

जान लीजिए कानून:आईपीसी की धारा 429 के अनुसार, जो भी व्यक्ति किसी भी पशु को, चाहे उसका मूल्य कुछ भी हो, या पचास रुपए या उससे अधिक मूल्य के किसी भी अन्य जीवजन्तु का वध करने, विष देने, विकलांग करने या निरुपयोगी बनाने की कोशिश करेगा, उसे कारावास की सजा हो सकती है, जिसे पांच वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है. आरोपी पर आर्थिक दण्ड लगाया जा सकता है या फिर उसे कारावास और जुर्माना दोनों से दंडित किया जा सकता है.

क्या है पशु क्रूरता निवारण अधिनियम:दरअसल बेजुबान जानवरों के खिलाफ होने वाली क्रूरता को रोकने के लिए वर्ष 1960 में पशु क्रूरता निवारण अधिनियम बनाया गया. इसी अधिनियम की धारा-4 के तहत साल 1962 में भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (AWBI) भी बनाया गया. इस अधिनियम के तहत पशुओं पर क्रूरता करना अपराध है और ऐसा करने पर सजा का प्रावधान भी है. इस अधिनियम के अनुसार पशुओं को लाठी मारना, यातनाएं देना, पालतू जानवर को आवारा छोड़ना, बीमार या पागल होने पर जानवर को मार देना, पशुओं को जहर का इंजेक्शन देगा, पालतू जानवर को भोजन नहीं देना आदि पशु क्रूरता की श्रेणी में आता है.

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