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इलाहाबाद HC ने मासूम से रेप-हत्या मामले में आरोपी चाचा को सुनाई फांसी की सजा

मासूम बच्ची से रेप और हत्या के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपी चाचा को फंसी की सजा सुनाई है. इस मामले में 11 महीने की सुनवाई के बाद आज फैसला दिया गया है.

आरोपी प्रेमचंद्र
आरोपी प्रेमचंद्र

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Published : Sep 30, 2021, 10:42 PM IST

लखनऊ :आज से11 महीने पहले राजधानी इलाके में मासूम बच्ची की रेप के बाद हत्या के मामले में कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है. कोर्ट ने पकड़े गए आरोपी को गुरुवार के दिन फांसी की सजा सुनाई है. आरोपी प्रेमचंद्र उर्फ पप्पू दीक्षित पीड़िता का रिश्ते में चाचा है. आरोपी ने पीड़िता की मां से मासूम को खिलाने के बहाने लिया था, लेकिन इस बीच उसने एक खाली प्लॉट में ले जाकर उसके साथ हैवानियत की. इस घटना में मासूम बच्ची की मौत हो गई थी.

क्या है पूरा मामला

लखनऊ इलाके में 16 फरवरी को आरोपी ने वारदात को अंजाम दिया था. उसके बाद आरोपी उसके शव को प्लॉट में फेंककर फरार हो गया था. घटना का पता लगने पर मासूम के पिता ने मुकदमा दर्ज कराया था. इस मामले की विवेचना मड़ियांव में तैनात रहे एसएसआई द्वारा की जा रही थी. इसके साथ ही इसकी पैरवी में मड़ियांव के पैरोकार विनीत कुमार द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा था.

मनोज कुमार त्रिपाठी जिला शसकीय अधिकारी

मनोज कुमार त्रिपाठी जिला शासकीय अधिकारी लखनऊ द्वारा बताया गया कि आज अभिषेक उपाध्याय द्वारा की जा रही पॉक्सो की पैरवी के मामले में प्रेमचंद उर्फ पप्पू दीक्षित को दंडित किया गया है. मनोज कुमार का कहना है कि आरोपी के ऊपर न्यायाधीश ने आरोपी के ऊपर ₹50,000 का जुर्माना और मृत्युदण्ड के तहत कार्रवाई करने की बात कही है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दी फांसी की सजा

आरोपी प्रेमचंद उर्फ पप्पू दीक्षित को सत्र परीक्षण संख्या 399/2020 अपराध संख्या 164/2020 थाना मड़ियांव सरकार बनाम प्रेमचंद उर्फ पप्पू दीक्षित के प्रकरण में अपराध के तहत धारा 376 क, ख और धारा 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम धारा 42 के तहत इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फांसी की सजा दी है.

दरअसल ये पूरा मामला उस वक्त हुआ, जब मड़ियांव के फैजुल्लागंज स्थित 16 फरवरी 2020, दिन रविवार की शाम हरदोई से शादी समारोह में शामिल होने के लिए एक परिवार एसआर पैलेस में आया हुआ था. जहां पर रात करीब 10:00 बजे परिवार के साढ़े 5 महीने की बच्ची को उसका चचेरा भाई प्रेमचंद उर्फ पप्पू दीक्षित मां की गोद से लेकर खिलाने के बहाने बाहर ले गया था. लेकिन देर रात 11:00 बजे जब पप्पू दीक्षित वापस लौटा तो उसके गोद में बच्ची नहीं थी. जिसके बाद उसके परिजनों ने मासूम की तलाश शुरू की, लेकिन उसका कोई पता नहीं चल पाया था.

दूसरे दिन उस बच्ची को एसआर पैलेस के पीछे खाली प्लॉट में बेशुद्ध अवस्था में पाया गया था. जिसको इलाज के लिए ट्रामा सेंटर ले जाया गया. जहां पर उसकी मौत हो गई थी. परिजनों ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाते हुए बताया था कि उसके पति के भाई उसकी बेटी को लेकर गया था.

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