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Delhi espionage case: मुश्किलों से फिर घिरे मनीष सिसोदिया, जासूसी कराने के आरोप में CBI ने दर्ज किया केस - Feedback Unit Case delhi

पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. दरअसल सीबीआई ने मनीष सिसोदिया समेत 7 लोगों के खिलाफ फीटबैक यूनिट के जरिए जासूसी कराने के मामले में केस दर्ज किया है.

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Published : Mar 16, 2023, 1:17 PM IST

Updated : Mar 16, 2023, 3:18 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली आबकारी घोटाला में फंसे दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मुश्किलें अब और बढ़ गई हैं. शराब घोटाले में सीबीआई और ईडी द्वारा पहले से आरोपी मनीष सिसोदिया के खिलाफ अब एक नए मामले में सीबीआई ने मुकदमा दर्ज किया है. दिल्ली सरकार द्वारा गठित फीडबैक यूनिट के बेजा इस्तेमाल और इस यूनिट के जरिए विपक्षी दलों के नेताओं की जासूसी कराने की शिकायत पर सीबीआई ने मनीष सिसोदिया समेत सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. सीबीआई के अधिकारियों के मुताबिक यूनिट के लिए एक करोड़ रुपए का भी आवंटन किया गया था.

आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा गठित फीडबैक यूनिट के बेजा इस्तेमाल को लेकर सीबीआई की ओर से प्रारंभिक जांच में पाया किया गया है कि दिल्ली सरकार ने अपनी योजनाएं लागू करने से पहले व बाद में फीडबैक लेने के लिए जो फीडबैक यूनिट बनाई है, उस यूनिट के जरिए आम आदमी पार्टी सरकार राजनीति खुफिया जानकारी भी इकट्ठा कर रही है. पिछले महीने 12 जनवरी 2023 को सीबीआई ने सतर्कता विभाग को एक रिपोर्ट सौंपी थी. जिसमें उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम और आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज करने के लिए उपराज्यपाल की मंजूरी मांगी थी.

सीबीआई ने मनीष सिसोदिया के अलावे पूर्व विजिलेंस डायरेक्टर आरके सिन्हा, दिल्ली सरकार के फीडबैक यूनिट के अधिकारी प्रदीप कुमार पुंज, सतीश व मुख्यमंत्री के सलाहकार ग़ोपाल मोहन के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए मंजूरी मांगी थी. इन सबके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.

सीएम अरविंद केजरीवाल का ट्वीट

फीडबैक यूनिट के गठन के पीछे सरकार की मंशा:फरवरी 2015 में जब आप की सरकार बनी, तो सरकार के पास जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए बहुत सारी चुनौतियां थी. साल 2016 में केजरीवाल सरकार ने अपनी योजनाओं को लागू करने से पहले दिल्ली वालों की राय लेने के लिए एक फीडबैक यूनिट का गठन किया था. आप सरकार के अनुसार तब से लेकर अब तक सरकार ने जितने भी अभियान चलाएं, जिसमें डेंगू की रोकथाम, प्रदूषण रोकने के लिए दिल्ली रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ, ऑड इवन योजना आदि को लागू करने के लिए फीडबैक यूनिट के जरिए राय और योजनाएं बनाकर लागू करने का दावा दिल्ली सरकार ने किया.

यहां से शुरू हुई गड़बड़ी और शिकायत:फरवरी 2016 में फीडबैक यूनिट का गठन किया गया था. इस यूनिट में उस समय 20 अधिकारी थे. अब इस पर आरोप लग रहा है कि फीडबैक यूनिट में फरवरी से सितंबर 2016 तक राजनीतिक विरोधियों की जासूसी की. इसमें सिर्फ विपक्षी पार्टी ही नहीं थी, बल्कि दिल्ली सरकार में शामिल मंत्री और आप के पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी के सदस्यों के भी जासूसी कराने की शिकायत को लेकर अंदेशा जताया गया था. यह भी कहा गया कि फीडबैक यूनिट शुरू करने के लिए उपराज्यपाल से भी इजाजत नहीं ली गई थी. इसमें सरकार की योजनाओं से जुड़े कार्यों के अलावा राजनीतिक खुफिया जानकारी भी इकट्ठा की गई थी. सीबीआई को शुरुआती जांच में सबूत मिलने के बाद आगे की कार्रवाई के लिए 12 जनवरी 2023 को उपराज्यपाल को रिपोर्ट भेजी गई थी. एलजी विनय कुमार सक्सेना ने जनवरी महीने में सीबीआई को मनीष सिसोदिया के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 के तहत केस दर्ज करने की इजाजत दी थी. साथ ही इस यूनिट के अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई को लेकर गृह मंत्रालय को उपराज्यपाल ने पत्र लिखा था. अब मंत्रालय ने सिसोदिया के खिलाफ मुकदमा चलाने की इजाजत दे दी है.

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Last Updated : Mar 16, 2023, 3:18 PM IST

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