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टीबी के इलाज के नाम पर डॉक्टर ने किया नाबालिग का शारीरिक शोषण

देहरादून के दून मेडिकल कॉलेज में टीबी डिपार्टमेंट में तैनात डॉक्टर पर 10वीं की छात्रा ने छेड़छाड़ के आरोप लगाए हैं. मामले में पीड़िता के पिता ने कोतवाली में डॉक्टर के खिलाफ तहरीर दी है. पुलिस ने तहरीर के आधार पर केस दर्ज कर लिया है. फिलहाल, डॉक्टर फरार है.

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Published : Apr 1, 2022, 1:59 PM IST

देहरादून:दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के नाम पर 16 वर्षीय छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है. पीड़िता का आरोप है कि टीबी के इलाज करने के नाम पर डॉक्टर ने उसके साथ अश्लील हरकत की. पीड़िता के पिता की तहरीर पर पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. एफआईआर दर्ज होते ही आरोपी डॉक्टर फरार बताया जा रहा है. पुलिस आरोपी डॉक्टर की धरपकड़ में जुटी हुई है.

ये है पूरा मामला:10वीं में पढ़ने वाली नाबालिग छात्रा ने बताया कि साल 2021 से उसका इलाज दून सरकारी अस्पताल के टीबी डॉट्स डिपार्टमेंट में चल रहा था. इसी दौरान 22, फरवरी 2021 को वह चेकअप के लिए संबंधित डॉक्टर के पास गई. जहां पहले से एक्स-रे और अन्य जांच रिपोर्ट के आधार पर बताया गया कि अब वह पूरी तरह से नॉर्मल है, लेकिन रेगुलर चेकअप के लिए उन्हें बीच-बीच में आना पड़ेगा. ऐसे में 4 मार्च, 2022 को जब पीड़िता दून अस्पताल के टीवी डॉट्स डिपार्टमेंट में चेकअप के लिए गई तो वहां नए डॉक्टर अयोध्या प्रसाद मिले.

नॉर्मल रिपोर्ट के बावजूद टेस्ट कराने को कहा: आरोप है कि पीड़िता का नए सिरे से चेकअप करने के साथ-साथ छात्रा को कहा कि उन्हें फिर से अपने एक्स-रे और अन्य टेस्ट कराने होंगे. ऐसे में छात्रा जब नए डॉक्टर के निर्देश के अनुसार पैथोलॉजी डिपार्टमेंट में एक्स-रे और अन्य जांच के लिए पहुंची तो पैथोलॉजी वालों ने जांच करने से इसलिए मना कर दिया, क्योंकि लैब रिकॉर्ड अनुसार कुछ दिन पहले ही छात्रा की सभी रिपोर्ट नॉर्मल आई थी. ऐसे में पीड़िता ने डॉक्टर से सारी बात बताई. इस पर डॉक्टर ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है. जांच में कुछ समस्या है. वह खुद सब करवा लेंगे. आरोप अनुसार इसी तरह टीबी के इलाज के नाम पर डॉक्टर अयोध्या प्रसाद ने उसे गुमराह किया.

चेकअप के बहाने कर रहा था शारीरक शोषण: आरोप है कि डॉक्टर ने छात्रा को लगातार चेकअप करने के बहाने बुलाया और उसके साथ अश्लील हरकत की. छात्रा ने डॉक्टर के गलत इरादे को समझने के बाद अस्पताल आने से मना कर दिया. आरोप है कि उसके बाद डॉक्टर प्रसाद लगातार उसे डरा-धमका कर अस्पताल आने में मजबूर करने लगे. लेकिन पीड़िता ने आरोपी डॉक्टर से फोन पर साफ मना कर दिया. जिसके बाद भी डॉक्टर मानसिक रूप से लगातार फोन कर छात्रा को परेशान करता रहा.

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छात्रा उठाने वाली थी आत्मघाती कदम: छात्रा के मुताबिक वह तीन बहनें हैं. भाई की कुछ समय पहले ही मौत हो चुकी है. ऐसे में उसकी मौत से परिवार टूट ना जाए, इसलिए उसने आत्मघाती कदम उठाने की बजाय पिता को सारी बातें बताई. जिसके बाद पीड़िता के पिता ने बेटी से मिले सभी पर्याप्त फोन कॉल्स और मैसेज को सबूत के तौर पर कोतवाली पुलिस के समक्ष पेश कर तहरीर दी है. जिसके आधार पर गुरुवार शाम आरोपी डॉक्टर अयोध्या प्रसाद के खिलाफ पुलिस ने संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है. फिलहाल, पुलिस इस मामले में दून अस्पताल के टीबी डॉट्स डिपार्टमेंट में तैनात फरार डॉक्टर अयोध्या प्रसाद की तलाश में जुटी है.

पुलिस ने आरोपी डॉक्टर अयोध्या प्रसाद के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 (क) छेड़छाड़ उत्पीड़न, 504, 506 लैंगिक अपराध, बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत धारा 7 और 8 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. पुलिस का कहना है कि बीमारी नॉर्मल होने के बावजूद आरोपी डॉक्टर ने चेकअप के बहाने नाबालिग को बुलाया और उसका शारीरिक उत्पीड़न किया. पीड़िता ने परेशान होकर आत्महत्या का भी मन बनाया था.

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