भोपाल : गुजरात मे बनाए जा रहे नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के तार मध्यप्रदेश से जुड़े हुए थे, लगातार मीडिया की सुर्खियां और विपक्ष के दवाब के चलते आखिरकार इस मामले में जबलपुर पुलिस ने सपन जैन के बाद नामी अस्पताल के संचालक और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. बताया जा रहा है कि एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अस्पताल संचालक सरबजीत सिंह मोखा हार्ट अटैक का बहाना बनाकर अपने ही अस्पताल में भर्ती हो गए हैं.
बता दें शुक्रवार की रात अचानक गुजरात पुलिस जबलपुर पहुंची थी, पुलिस अधारताल निवासी सपन जैन को गिरफ्तार करने के बाद उसे अपने साथ गुजरात ले गई थी,इधर आगे की कार्रवाई जबलपुर पुलिस ने शुरू कर दी थी. लिहाजा सपन जैन के चाचा सत्येंद्र जैन ने खुलासा किया है की गुजरात से नकली इंजेक्शन की खेप जबलपुर लाने में सिटी अस्पताल संचालक सरबजीत सिंह मोखा का बड़ा हाथ था. इसके बाद जबलपुर पुलिस भी इस गोरखधंधे का खुलासा करने में जुट गई थी.
जबलपुर पुलिस की पूछताछ में हुआ खुलासा
नकली इंजेक्शन मामले में जब अधारताल पुलिस सपन जैन के चाचा सत्येंद्र जैन से पूछताछ की, तो पता चला कि सपन जैन को गुजरात से नकली रेमडेसिविर लाने के लिए कहा गया था, जिसका जीएसटी नंबर के साथ बिल भी देने कहा गया था,साथ ही कहा कि इंजेक्शन अस्पताल में लाकर देना. सपन जैन ने डिलेवर भी कर दिए, सपन के चाचा सत्येंद्र ने पूछताछ में बताया कि सिटी अस्पताल संचालक से उसके भतीजे को 70 लाख रु दवाई के लेने थे, जिस पर सरबजीत सिंह मोखा ने कहा था कि गुजरात से यह इंजेक्शन ले आओ. उसके बाद वो उसे 50 लाख रु दे देगा.