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कुदरत का कहर: बद्रीनाथ में उफनते नाले में फंसी कार, देखें वीडियो

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Published : Oct 19, 2021, 9:43 AM IST

Updated : Oct 19, 2021, 1:56 PM IST

उत्तराखंड में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. वहीं, भारी बारिश से सतपुली-बधांण के पास एक कार मलबे में फंस गई.

मलबे में फंसी कार
मलबे में फंसी कार

श्रीनगर :उत्तराखंड में एक बार फिर मौसम के मिजाज में तल्खी आई है जिसके चलते नदी-नाले उफान पर हैं. इसी बीच सतपुली-बधांण के पास एक कार मलबे में फंस गई. सूचना पर मौके पर पहुंची SDRF टीम ने कार सवार दोनों युवकों को रेस्क्यू किया.

मलबे में फंसी कार

सूचना पर आरक्षी सतेन्द्र सिंह की हमराह टीम तत्काल घटनास्थल के लिए रवाना हुई. टीम ने मलबे में फंसी कार में से दो लोगों को काफी मशक्कत के बाद रेस्क्यू किया. सतेन्द्र सिंह ने बताया कि कार सवार सतपुली बधांण रोड पर फंस गए थे. उन्होंने बताया कि कार सवार कल्याण सिंह और राहुल झटकंडी कुड़ीगांव के रहने वाले हैं, जो हंस फाउंडेशन अस्पताल से अपने घर की ओर जा रहे थे.

पीएम मोदी ने हालात का जायजा लिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी और मंत्री अजय भट्ट से बात कर राज्य में भारी बारिश के कारण पैदा हुए हालात का जायजा लिया.

बदरीनाथ हाईवे पर उफनते नाले में फंसी कार

बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर लामबगड़ में एक कार उफनती बरसाती नाले में फंस गई. जिससे कार सवार लोगों के सांसें अटक गईं. गनीमत रही कि कार बहने से बच गई. जिससे बड़ा हादसा टल गया. इस दौरान बीआरओ की पोकलैंड के जरिए कार को नाले से बाहर निकाला गया. वहीं, लगातार बारिश और नाले के उफान पर होने की वजह से सड़क पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है.

उफनते नाले में फंसी कार

भारी बारिश से खतरे के निशान पर पहुंची गंगा

पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश की वजह से गंगा का जलस्तर चेतावनी रेखा को पार कर गया है. अब गंगा खतरे के निशान से कुछ ही सेंटीमीटर नीचे बह रही है. वहीं, गंगा के बढ़ते जलस्तर की वजह से कई घाट जलमग्न हो गए हैं. परमार्थ निकेतन घाट पर बनीं शिव की मूर्ति को छूकर गंगा बह रही है.

शिव की मूर्ति को छूकर बह रही गंगा

पढ़ें :-पूर्णागिरि धाम जा रहे 200 श्रद्धालु फंसे, उफनती नदी के बीच किया रेस्क्यू

मौसम विभाग की भविष्यवाणी सटीक साबित हुई है. उत्तराखंड में मौसम विभाग के पूर्वानुमान के बाद पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बारिश हुई है. बारिश की वजह से नदी नाले उफान पर हैं. वहीं ऋषिकेश में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के पास पहुंच गया है. इस समय ऋषिकेश में गंगा का जलस्तर 340.30 सेंटीमीटर है, जो खतरे के निशान से मात्र 20 सेंटीमीटर ही नीचे है. गंगा का जलस्तर बढ़ने की वजह से ऋषिकेश में कई गंगा घाट जलमग्न हो गए हैं.

वहीं, ऋषिकेश त्रिवेणी घाट भी जलमग्न हो गया है. आलम ये है कि परमार्थ निकेतन स्थित प्रमाणित घाट पर लगी शिव की मूर्ति को छूकर गंगा बह रही है. गंगा का जलस्तर बढ़ने की वजह से चंदेश्वर नगर के कुछ क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति हो गई थी, प्रशासन ने एहतियातन बस्ती में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया है. वहीं, एसडीएम अपूर्वा पाण्डेय अपनी टीम लेखपाल सतीश चंद जोशी के साथ कई सस्सियों को लेकर पूरी रात चंद्रेश्वर नगर और गंगा घाटों के आसपास के क्षेत्रों की निगरानी करती रहीं.

3 बच्चों की मौत

अल्मोड़ा जनपद में विगत 36 घंटे से हो रही लगातार बारिश से अलग-अलग दो जगहों पर मकान जमींदोज और कई मार्ग अवरुद्ध होने की घटनाएं सामने आ रही हैं. भूस्खलन से मकान ध्वस्त होने से 3 बच्चों की दबकर मौत हो चुकी है. जबकि, एक महिला घायल और एक व्यक्ति लापता बताया जा रहा है.

3 बच्चों की मौत

गौर हो कि बारिश के कारण जिले का अन्य जिलों से संपर्क पूरी तरह कट चुका है. जिले के अधिकांश मार्ग मलबा आने से बंद हो चुके हैं. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार जनपद के भिकियासैंण तहसील के रापड़ में मकान में देर रात भूस्खलन का मलबा आने से आनंद सिंह, उनकी पत्नी और दो पोते दब गए. जबकि, आनंद सिंह की पत्नी को ग्रामीणों ने बचा लिया.

वहीं, मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए ग्रामीणों के साथ पुलिस और राजस्व विभाग की टीम ने रेस्क्यू अभियान चलाया. जिनमें से अभी तक दो बच्चों तनुज (12) और किरण (16) को मलबे से मृत अवस्था मे निकाला गया. जबकि, मलबे में दबे आनंद सिंह अभी भी लापता हैं, जिसकी खोजबीन जारी है.

उधर, दूसरी घटना अल्मोड़ा नगर के हीरा डूंगरी में सामने आई है. जहां हीरा डूंगरी निवासी त्रिलोक सिंह का मकान बीते देर रात मलबे की चपेट में आ गया. मलबा आने से उनकी पत्नी रेखा और 14 वर्षीय बेटी रोमा सिंह दब गई. दोनों को रेस्क्यू कर मलबे से निकला गया. हादसे में बेटी रोमा की मौत हो गयी, जबकि पत्नी रेखा घायल हो गई. जिसे जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है.

वहीं, जिला आपदा कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार जिले में 1 राष्ट्रीय राजमार्ग, 7 राज्य मार्ग, 9 ग्रामीण मार्ग बंद हैं. जिन्हें जेसीबी के माध्यम से खोलने का कार्य किया जा रहा है.

टापू पर फंसे लोग

रायवाला के गोहरी माफी में गंगा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ जाने से रायवाला के समीप गंगा के टापू में गुर्जर परिवार के 22 लोग फंस गए. लोगों के फंसने की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पंहुची और सभी का रेस्कयू कर सुरक्षित बाहर निकाला.

टापू पर फंसे लोग

मिली जानकारी के अनुसार गुर्जरों का परिवार उत्तरकाशी से रायवाला आया था. सभी को हरिद्वार जाना था लेकिन लगातार हो रही बारिश की वजह से अचानक गंगा का जल स्तर बढ़ गया. यही कारण है कि सभी 22 लोग टापू पर फंस गए. आज सुबह कंट्रोल रूम के माध्यम से रायवाला थाने में सूचना मिली. जिसके बाद रायवाला पुलिस व एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू अभियान शुरू किया. रेस्क्यू टीम बोट की मदद से फंसे हुए व्यक्तियों तक पहुंची और उनको सकुशल बाहर निकाला.

रायवाला के थानाध्यक्ष भवन चंद्र पुजारी ने बताया कि वन गुर्जरों के चार डेरे से संबंधित यह लोग उत्तरकाशी से रायवाला आए थे और रात को गंगा पार डेरे में रुके थे, जिसमें 13 बच्चों सहित 22 लोग हैं. सभी को सुरक्षित निकाल लिया गया है. उन्होंने बताया कि रविवार और सोमवार को हुई बारिश से गंगा का जलस्तर बढ़ गया है. खतरे को देखते हुए गंगा तटवर्ती क्षेत्र के नागरिकों को गंगा किनारे न जाने के लिए सूचित किया गया है. साथ ही ग्राम प्रधानों को भी लोगों को सतर्क करने के लिए कहा गया है.

ट्रेनों को रद्द कर दिया गया

उत्तराखंड में पिछले 48 घंटों से बारिश का कहर जारी है. ऐसे में काठगोदाम रेलवे स्टेशन से कुछ दूरी पर हल्द्वानी के बीच रेलवे ट्रैक का करीब 500 मीटर का हिस्सा नदी में समा गया है. लिहाजा, एहतियातन रेलवे प्रशासन ने काठगोदाम से चलने वाली सभी ट्रेनों को रद्द कर दिया है.

बता दें कि मौसम विभाग ने प्रदेश में रेड अलर्ट जारी किया है. ऐसे में पिछले 48 घंटों से अधिकांश इलाकों में जमकर बारिश हो रही है. वहीं, काठगोदाम स्टेशन से कुछ दूरी पर कोलटेक्स के पास करीब 500 मीटर रेलवे ट्रैक नदी में जा समाया है. जिसके चलते ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया गया है.

वहीं, भारी बरसात के चलते रेलवे प्रशासन ने रेलवे ट्रैक को ठीक नहीं कर पा रहा है. बताया जा रहा है कि रेलवे ट्रैक को ठीक करने में कई दिनों का समय लग सकता है, ऐसे में काठगोदाम से आने जाने वाली ट्रेनों के संचालन अगले कुछ दिनों के लिए ठप हो सकता है.

काठगोदाम स्टेशन अधीक्षक चयन राय का कहना है कि जब तक ट्रैक दुरुस्त नहीं हो जाता तब तक ट्रेनों का संचालन करना संभव नहीं है. काठगोदाम आने वाली ट्रेनों को लाल कुआं स्टेशन पर रोका जा रहा है.

Last Updated : Oct 19, 2021, 1:56 PM IST

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