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आंदोलन में शामिल रहे मृत किसानों के परिजनों को नौकरी न दे पाने से दुखी हैं कैप्टन अमरिंदर

पंजाब के सीएम पद से इस्तीफा दे चुके कैप्टन अमरिंदर सिंह किसान आंदोलन को लेकर हमेशा किसानों के पक्ष में रहे. उन्होंने हर मौके पर आंदोलन कर रहे किसानों का समर्थन किया. लेकिन मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद उन्हें एक बात का अफसोस है. क्या है वह वजह? पढ़ें यह रिपोर्ट.

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Published : Sep 19, 2021, 9:18 PM IST

चंड़ीगढ़ :केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के हितैषी रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह आज भी उनकी चिंता करते दिखे. कैप्टन के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने उनकी इस पीड़ा को एक ट्विट के जरिए उजागर किया है.

ठुकराल ने ट्विट किया कि #FarmLaws के खिलाफ आंदोलन में जान गंवाने वाले 150 किसानों के परिजनों को व्यक्तिगत रूप से नौकरी के पत्र नहीं सौंपने पर दुख हुआ. अमरिंदर सिंह को यह उम्मीद है कि मनोनीत सीएम चरणजीत एस चन्नी जल्द से जल्द यह जरूरी काम करेंगे. मैं न्याय की लड़ाई में किसानों के साथ खड़ा हूं.

ठुकराल ने ट्विट किया

यह की थी घोषणा

दरअसल, बीते जनवरी में मुख्यमंत्री रहते ही अमरिंदर सिंह ने बड़ा ऐलान किया था. उन्होंने कहा था कि किसान आंदोलन के दौरान जितने भी किसानों ने दम तोड़ा है, उन सभी के एक-एक परिजन को सरकारी नौकरी मिलेगी.

यह भी पढ़ें-मृतक किसानों के परिवारों को 5 लाख रुपये और सरकारी नौकरी : पंजाब सीएम

उन्होंने सरकारी नौकरी के साथ ही मृतक किसान के परिजनों को 5-5 लाख रूपये का मुआवजा देने की भी घोषणा की थी. हालांकि अभी तक वे इस ऐलान को अमलीजामा नहीं पहना पाए और सीएम का पद भी छोड़ दिया है.

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