नई दिल्ली :केंद्र सरकार (central government) ने आज (सोमवार) बताया कि स्वदेश विनिर्माण को बढ़ावा (promotion of indigenous manufacturing) देने के लिए पिछले तीन वित्तीय वर्षों में 2,15,690 करोड़ रुपये मूल्य के 119 रक्षा प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है.
राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने कहा, 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान के तहत सरकार ने घरेलू स्तर पर रक्षा उपकरणों के विकास में मदद देने के लिए कई कदम उठाए हैं.
उन्होंने कहा, पिछले तीन वित्तीय वर्षों अर्थात वर्ष 2018-19 से 2020-2021 तक सरकार ने पूंजीगत अधिग्रहण की विभिन्न श्रेणियों के तहत लगभग 2,15,690 करोड़ रूपये मूल्य के 119 रक्षा प्रस्तावों को आवश्यकता हेतु स्वीकृति प्रदान की है. यह स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा देता है.
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उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में सरकार की 'मेक-इन-इंडिया' पहल के तहत देश में 155 एमएम तोपखाना बन्दूक प्रणाली 'धनुष', ब्रिज लेइंग टैंक, टी-72 टैंक हेतु थर्मल इमेंजिंग साइट मार्क-II, हल्का युद्धक विमान 'तेजस', 'आकाश' सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली, पनडुब्बी 'आईएनएस कलवरी', 'आईएनएस चेन्नई, पनडुब्बी रोधी युद्ध कार्वेट (एएसडब्ल्यूसी), अर्जुन कवचित मरम्मत एवं रिकवरी वाहन, लैन्डिंग क्राफ्ट यूटिलिटी आदि सहित कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उत्पादन किया गया है.
इसके अलावा, स्वदेशी रक्षा उपकरण का उत्पादन और उसमें निहित नवाचार एक गतिक प्रक्रिया है और उनका विकास सशस्त्र सेनाओं की संक्रित्यात्मक आवश्यकताओं के आधार पर निर्धारित किया जाता है.