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Footpath Encroachment Case : पैदल चलने के अलावा किसी और काम के लिये फुटपाथ के इस्तेमाल की इजाजत नहीं : सुप्रीम कोर्ट - फुटपाथ पर अवैध कब्जा पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने फुटपाथ पर अवैध कब्जे के एक मामले में सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया कि फुटपाथ का उपयोग सिर्फ पैदल चलने के लिए किया जा सकता है. इसके अलावा किसी अन्य कार्य के लिए फुटपाथ का उपयोग करने के लिए अनुमति नहीं दी जा सकती है. पढ़ें पूरी खबर...

Footpath Encroachment Case
सुप्रीम कोर्ट

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Published : Jul 14, 2023, 10:48 PM IST

Updated : Jul 15, 2023, 1:05 AM IST

नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) और अन्य संबंधित निकाय मेट्रो ट्रेन डिपो से सटे एक फुटपाथ का इस्तेमाल पैदल यात्रियों के अलावा किसी अन्य उद्देश्य के लिए करने की इजाजत नहीं दे सकते. कोर्ट ने भूमि अधिग्रहण से संबंधित एक मामले पर फैसला सुनाते हुए मेट्रो डिपो की तस्वीरों पर ध्यान दिया और पाया कि इस जगह से सटे फुटपाथ के एक हिस्से पर एक ‘कार क्लिनिक’और अन्य विक्रेताओं ने कब्जा कर लिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक उद्देश्यों के लिए अनिवार्य रूप से अधिग्रहीत की गई भूमि पर बने फुटपाथ पर विक्रेताओं की ओर से अतिक्रमण पर असंतोष व्यक्त करते हुए डीडीए को कानून के अनुसार कार्रवाई करने का आदेश दिया. न्यायमूर्ति ए.एस. ओका और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ ने अपने फैसले में कहा, 'एक नागरिक ने अनिवार्य अधिग्रहण के माध्यम से अपनी मूल्यवान संपत्ति खो दी है. अनिवार्य अधिग्रहण एक सार्वजनिक उद्देश्य के लिए किया गया है और इसलिए, अपीलकर्ता (डीडीए) और सभी संबंधित अधिकारी पैदल यात्रा के अलावा किसी भी अन्य उद्देश्य के लिए फुटपाथ का उपयोग करने की इजाजत नहीं दे सकते हैं.'

पीठ ने विश्वास व्यक्त किया कि या तो डीडीए तत्काल कार्रवाई करेगा या कानून के अनुसार ऐसा करने के लिए अधिकृत अधिकारियों को बुलाएगा. उसने कहा कि डीडीए और अन्य संबंधित प्राधिकारी शीर्ष अदालत द्वारा की गई टिप्पणियों को गंभीरता से लेंगे और आवश्यक कार्रवाई करेंगे. सुप्रीम कोर्ट की पीठ भूमि अधिग्रहण से संबंधित मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय के 2016 के फैसले के खिलाफ डीडीए द्वारा दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी.

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Last Updated : Jul 15, 2023, 1:05 AM IST

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