नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 का कुछ न कुछ समाधान है (some solution to COVID-19), यह सोचने वाले हर व्यक्ति को याचिका दायर करने की अनुमति नहीं दी जा सकती. इस टिप्पणी के साथ ही न्यायालय ने उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया जिसमें आरोप लगाया गया था कि चीन जैविक हथियार के रूप में वायरस का जान-बूझकर प्रसार कर रहा है (China is deliberately spreading the virus as biological).
न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश ने एक वकील की याचिका खारिज करते हुए कहा कि यह महज प्रचार के लिए दायर की गई थी. शीर्ष अदालत ने जनहित याचिका दायर करने के लिए याचिकाकर्ता को फटकार लगाई, और कहा, 'क्या यह अदालत का काम है कि वह देखे कि अंतरराष्ट्रीय प्रभाव क्या है, चीन नरसंहार कर रहा है या नहीं?'
'किस तरह की याचिका है, क्या चल रहा है?'
पीठ ने कहा, 'यह किस तरह की याचिका है. क्या चल रहा है? ऐसा लगता है कि आपने यह याचिका महज अदालत के सामने पेश होने के लिए दायर की. और कुछ नहीं.'