नई दिल्ली :कोरोना के बढ़ते प्रकोप के चलते देश भर के स्वास्थ्य तंत्र को गहरा झटका दिया है. अस्पतालों में मरीज खचाखच भरे हैं और उनके बोझ तले पूरा तंत्र कराह रहा है. राजधानी में कोरोना की दूसरी लहर के बाद सरकार ने कई सख्त फैसले लिए, जिसके तहत एम्स अस्पताल की फिजिकल ओपीडी को भी बीते 8 अप्रैल से बंद किया गया.
ओपीडी बंद होने के बाद फिलहाल एम्स में पहले से उपचाराधीन मरीज ही इलाज करवाने आ रहे हैं. इन मरीजों की संख्या भी इतनी अधिक है कि लंबी कतारें लगी हुई हैं. इन्हीं में से एक कतार में चौथे स्टेज के कैंसर से उबरे मेरठ के अमित सक्सेना भी खड़े हैं जो कोरोना की जंग के बीच एम्स के फॉलोअप मरीजों की कतार में कैंसर से जीत के मुहाने पर हैं.
पिछले 3 वर्षों से एम्स में मुंह के कैंसर का इलाज करवा रहे अमित के लिए केवल फॉलोअप के लिए AIIMS जाने का निर्णय लेना आसान नहीं था क्योंकि वह कुछ समय पहले ही कैंसर के चौथे स्टेज से उबरे हैं.
हाल में अमित को AIIMS के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर कैंसर इंस्टीट्यूट में फॉलो अप के लिए बुलाया गया. हालांकि अमित ने कोरोना का टीका ले लिया है, लेकिन इसके बावजूद कोरोना का डर बरकरार है.
कोरोना का जोखिम उठाकर कैंसर की आखिरी लड़ाई के लिए पहुंचे AIIMS
3 साल पहले जब अमित को पता चला कि वह मुंह के कैंसर की चौथी स्टेज में है तो उनके लिए जीने की उम्मीद टूटना स्वभाविक था, लेकिन हिम्मत नहीं हारते हुए अमित ने एम्स के कुशल और विशेषज्ञ डॉक्टरों पर भरोसा जताते हुए एम्स में अपना इलाज शुरू करवाया.
आखिरकार लंबे इलाज के बाद अमित की मजबूत इच्छा शक्ति के आगे डॉक्टर की मेहनत रंग लाई और उन्होंने चमत्कारिक तरीके से कैंसर को मात दी. आज अमित कैंसर से पूरी तरह से उबर चुके हैं, लेकिन इलाज के क्रम में कीमोथेरेपी और रेडिएशन के दौरान उनके मुंह का स्लेवरी ग्लांड्स जल गया, जिसकी वजह से उनके मुंह में स्लाइवा बनना बंद हो गया है, लेकिन वह इस बात से संतुष्ट हैं कि उनकी जान कैंसर से बच गई.
चमत्कारिक तरीके से कैंसर को हराया