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Published : Jul 7, 2023, 7:55 PM IST

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Watch Video: अमृतसर से 2 स्ट्रीट डॉग्स को कनाडा की महिला ने लिया गोद, बन रहे पासपोर्ट जल्द होंगे रवाना

पंजाब में अमृतसर के दो स्ट्रीट डॉग कनाडा जाने वाले हैं. इनके सफर को मुमकिन बनाने के लिए इन्हें वीजा की जरूरत नहीं होगी, लेकिन इनके पासपोर्ट बनवाए जा रहे हैं और ये दोनों कुत्ते विशेष निर्देशों के साथ कनाडा जाएंगे. जानें इनकी पूरी कहानी क्या है...

Street dogs of Amritsar will go to Canada
अमृतसर के स्ट्रीट डॉग जाएंगे कनाडा

अमृतसर के स्ट्रीट डॉग जाएंगे कनाडा

अमृतसर: पंजाब में अमृतसर के दो सामान्य कुत्ते अब विशेष बन जाएंगे, क्योंकि वे कनाडा की धरती पर कदम रखेंगे. दरअसल, अमृतसर शहर के 2 लावारिस कुत्तों को विशेष परिस्थितियों में कनाडा जाने का मौका मिल रहा है. जानकारी के मुताबिक, एनिमल वेलफेयर एंड केयर सोसायटी की डॉ. नवनीत कौर, लिली और डेजी नाम के दो आवारा कुत्तों को कनाडा ले जा रही हैं. वहां की रहने वाली ब्रेंडा नाम की महिला ने इन कुत्तों को गोद लेने की इच्छा जताई की है.

अब उनके पासपोर्ट बनाये जा रहे हैं. हालांकि जानवरों के पास वीजे नहीं है, लेकिन उन्हें पासपोर्ट के बिना नहीं ले जाया जा सकता है. इसके अलावा कुछ शर्तें भी हैं जिन्हें डॉ. नवनीत कौर पूरा कर रही हैं. इस बारे में बात करते हुए एनिमल वेलफेयर एंड केयर सोसाइटी की डॉ. नवनीत कौर ने बताया कि अमृतसर से दो कुत्ते लिली और डेज़ी को अपने साथ कनाडा ले जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि कनाडाई महिला ब्रेंडा ने लिली और डेज़ी को गोद लिया है.

उन्होंने आगे बताया कि यही कारण है कि वह इन कुत्तों को अपने साथ ले जाने के लिए सभी कागजी कार्रवाई पूरी कर रही है. इससे पहले भी वह 6 कुत्तों को अपने साथ विदेश ले जा चुके हैं. इनमें से दो उनके साथ अमेरिका में रहते हैं. डॉ. नवनीत ने बताया कि वह खुद अमेरिका में रहती हैं, लेकिन अमृतसर में भी उनका एक घर है. उन्होंने बताया कि 2020 में जब पूरी दुनिया में लॉकडाउन था, तब उन्होंने एनिमल वेलफेयर एंड केयर सोसाइटी यानी AWCS संस्था बनाई.

सुखविंदर सिंह जॉली ने अमृतसर में इस संगठन की कमान संभाली और संगठन के काम को आगे बढ़ाया. डॉ. नवनीत ने बताया कि ये कुत्ते पिछले एक महीने से उनके पास रह रहे हैं. डॉ. नवनीत ने बताया कि लिली और डेजी को किसी ने लावारिस छोड़ दिया था. दोनों की हालत बेहद खराब थी, जिसके बाद उनका इलाज कराया गया और उनके लिए घर ढूंढने की कोशिशें शुरू हुईं.

डॉ. नवनीत ने कहा कि कनाडा के लिए ये कुत्ते विदेशी हैं, लेकिन हमें भी अपने आवारा कुत्तों के लिए अपनी सोच बदलनी होगी. हम अपने सड़क के कुत्तों को नहीं अपनाते हैं और उनके साथ मूल निवासी जैसा व्यवहार करते हैं. कनाडा में ये कुत्ते उनके लिए विदेशी हैं. वे ख़ुशी-ख़ुशी उन्हें अपनाना चाहते हैं. जबकि भारतीय नस्ल के कुत्ते अधिक मिलनसार और देखभाल करने वाले होते हैं.

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