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Parliamentary Speakers Summit : पी20 शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होंगी कनाडा की स्पीकर रेमोंडे गैग्ने

भारत और कनाडा के बीच चल रहे विवाद के बीच कनाडा सीनेट की स्पीकर रेमोंडे गैग्ने ( Canadian Senate speaker Raymonde Gagne) ने कहा है कि वह भारत में हो रहे पी20 शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेंगी. (Parliamentary Speakers Summit, india-canada relations, Canadian Prime Minister Justin Trudeau)

Canadian Senate speaker Raymonde Gagne
कनाडा सीनेट की स्पीकर रेमोंडे गैग्ने

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 12, 2023, 5:27 PM IST

नई दिल्ली : राजनयिक विवाद के बीच कनाडा सीनेट की स्पीकर रेमोंडे गैग्ने ( Canadian Senate speaker Raymonde Gagne ) ने गुरुवार को कहा कि वह यहां शुरू होने वाले जी20 संसदीय अध्यक्ष शिखर सम्मेलन (पी20) में भाग नहीं लेंगी. हालांकि गैग्ने ने पूर्व में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में जी-20 की बैठक में अपनी उपस्थिति की पुष्टि की थी. संसदीय सूत्रों ने बताया कि कनाडा की स्पीकर शिखर सम्मेलन में भाग नहीं ले रही हैं. कार्यक्रम में बदलाव हुआ है।’.

इससे पहले, बिरला ने कहा था कि 12-14 अक्टूबर तक होने वाले पी20 शिखर सम्मेलन में वह कनाडा की सीनेट की स्पीकर के साथ अपनी अनौपचारिक बातचीत में कई मुद्दे उठाएंगे. बता दें कि जून में खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय सरकारी एजेंटों के शामिल होने को लेकर कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ( Canadian Prime Minister Justin Trudeau) द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद दोनों देशों के बीच राजनयिक विवाद बढ़ गया था. भारत ने इस आरोप को बेतुका बताते हुए खारिज कर दिया था. निज्जर को सरे शहर में एक गुरुद्वारे की पार्किंग में अज्ञात लोगों ने गोली मार दी थी.

इस बीच, रिपोर्टों से पता चलता है कि विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने दोनों देशों के बीच राजनयिक गतिरोध के बीच कुछ दिनों पहले वाशिंगटन में कनाडाई विदेश मंत्री मेलानी जोली के साथ एक गुप्त बैठक की थी. घटनाक्रम के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. मौजूदा कूटनीतिक खींचतान को देखते हुए भारत ने पहले 41 कनाडाई राजनयिकों को 10 अक्टूबर तक देश छोड़ने को कहा था.

कनाडा की धरती पर खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा की जा रही गतिविधियों को लेकर भारत और कनाडा के बीच संबंध पहले से ही अच्छे नहीं हैं और कनाडाई पीएम के आरोपों ने संबंधों को और निचले स्तर पर पहुंचा दिया है. भारत ने बढ़ती भारत विरोधी गतिविधियों और राजनीतिक रूप से क्षमा किए जाने वाले घृणा अपराधों के कारण कनाडा में अपने नागरिकों को अत्यधिक सावधानी बरतने के लिए एक सलाह जारी की है. इसने कनाडा को चरमपंथियों और आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह भी बताया है. वहीं जर्मनी और अर्जेंटीना आंतरिक कारणों से पी20 में उपस्थित नहीं होंगे और दोनों देशों ने इसको लेकर खेद जताया है.

तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन में 350 से अधिक प्रतिनिधियों के भाग लेने की उम्मीद है जिसमें 50 संसद सदस्य, 14 महासचिव, 26 उपाध्यक्ष, अंतरराष्ट्रीय संसदीय संघ के अध्यक्ष और पैन-अफ्रीकी संसद के अध्यक्ष की भागीदारी होगी. 9वें पी20 का विषय एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के लिए संसद प्रस्तावित है. शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला करेंगे. 9वें पी20 शिखर सम्मेलन के लिए चार सत्रों की योजना बनाई गई है, जिनमें सार्वजनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से लोगों के जीवन में परिवर्तन, महिलाओं के नेतृत्व वाला विकास, त्वरित एसडीजी और सतत ऊर्जा संक्रमण आदि शामिल है.

पी20 प्रतिनिधियों को नए संसद भवन के दौरे पर भी ले जाया जाएगा, जिसके बाद एक सांस्कृतिक शाम और स्पीकर द्वारा रात्रिभोज का आयोजन किया जाएगा. जी20 में संसदीय ट्रैक 2010 में ओटावा, कनाडा में चुनिंदा जी20 देशों के वक्ताओं की एक परामर्शदात्री बैठक के रूप में शुरू हुआ. गौरतलब है कि पी20 का आयोजन प्रत्येक जी20 प्रेसीडेंसी के अंतर्गत नहीं हुआ है. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पिछली तीन बैठकों नवंबर 2019 में टोक्यो में 6वीं, अक्टूबर 2021 में रोम में 7वीं और 6-7 अक्टूबर 2022 को जकार्ता में 8वीं बैठक में भाग लिया था.

रूसी वक्ता वैलेंटिनो मतविनेको पी20 शिखर सम्मेलन में प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे

स्पीकर वेलेंटीना मतविनेको के नेतृत्व में रूसी संघ की संघीय विधानसभा (संसद के ऊपरी सदन) के फेडरेशन काउंसिल का प्रतिनिधिमंडल नई दिल्ली में रूसी दूतावास में 9वें जी20 संसदीय अध्यक्ष शिखर सम्मेलन (पी20) में भाग लेगा. प्रतिनिधिमंडल में फेडरेशन काउंसिल के प्रथम उपाध्यक्ष आंद्रेई तुरचक, फेडरेशन काउंसिल के उपाध्यक्ष कॉन्स्टेंटिन कोसाचेव और कृषि और खाद्य नीति और पर्यावरण प्रबंधन पर फेडरेशन काउंसिल समिति के सदस्य तात्याना गिगेल के साथ-साथ राज्य ड्यूमा के सदस्य भी शामिल हैं. रूसी प्रतिनिधिमंडल की यात्रा के कार्यक्रम में भारत गणराज्य के नेतृत्व के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की भी परिकल्पना की गई है.

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